कनाडा में मारा गया खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर और उसके कुछ साथी एक ब्रिगेड बना रहे थे। इस ब्रिगेड का मकसद खालिस्तान की स्थापना करना था। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक खालिस्तान ब्रिगेड बनाने के लिए आतंकवादी रोजगार की चाह रखने वाले पंजाब के गरीब युवाओं को वीजा दिलाते थे। इसके लिए मदद की जाती थी और फिर उन्हें कनाडा में लाकर गुरुद्वारों में सेवादार के तौर पर रखते थे। इसके अलावा गुजारे के लिए उन लोगों को इलेक्ट्रिशियन और प्लंबर जैसे काम दिला दिए जाते थे। इस तरह ये लोग कनाडा में रोजगार पाकर गुजारा भी करते और खालिस्तान के मकसद में भी शामिल कर लिए जाते।
भारतीय एजेंसियों के मुताबिक कनाडा के करीब 30 गुरुद्वारे ऐसे हैं, जो खालिस्तानी तत्वों के नियंत्रण में हैं। इनमें आने वाले चढ़ाने की रकम का इस्तेमाल खालिस्तानी गतिविधियों में किए जाने का भी आरोप है। कहा तो यहां तक जाता है कि खालिस्तानी संगठनों से कुछ फंडिंग जस्टिन ट्रूडो की ‘लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा’ को भी होती है। खुफिया एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि खालिस्तानी कंट्रोल वाले गुरुद्वारों में पंजाब से बुलाकर युवाओं को ठहरा दिया जाता है। इसके बाद उन्हें छोटे-मोटे काम दिलाकर आतंकी अपने साथ लगा लेते हैं। छात्रों को भी ये लोग टारगेट करते हैं।