डीआईटी विश्वविद्यालय के 19वें दीक्षांत समारोह में 1257 छात्रों को मिली उपाधि

देहरादून। डीआईटी विश्वविद्यालय, देहरादून का 19वां दीक्षांत समारोह शनिवार को डीआईटी परिसर में आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने की। इस अवसर पर डीआईटी विश्वविद्यालय के अध्यक्ष अनुज अग्रवाल, प्रधान सलाहकार एन. रविशंकर (आईएएस, सेवानिवृत्त), कुलपति प्रो. जी. रघुरामा, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट तथा एकेडमिक काउंसिल के सदस्यगण गरिमामयी उपस्थिति में उपस्थित रहे।
समारोह की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भव्य शैक्षणिक शोभायात्रा से हुई। इसके बाद राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह के शुभारंभ की घोषणा की तथा दीक्षांत स्मारिका का लोकार्पण किया। विश्वविद्यालय के कुलपति ने स्वागत भाषण दिया और डीआईटी विश्वविद्यालय की संक्षिप्त वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने छात्रों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों द्वारा विगत वर्ष की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए स्नातक छात्रों और उनके माता-पिता सहित पूरे डीआईटी परिवार को धन्यवाद दिया।
दीक्षांत समारोह के दौरान कुल 1257 स्नातक, स्नातकोत्तर एवं डॉक्टरेट उपाधियां प्रदान की गईं। इस वर्ष विभिन्न पाठ्यक्रमों के मेधावी विद्यार्थियों को 29 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। बी.टेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (बैच 2021-25) के छात्र विजेन्द्र सिंह को सभी विषयों में समग्र उत्कृष्टता एवं सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए नवीन अग्रवाल मेमोरियल गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय का स्वर्ण पदक बी.फार्मेसी (बैच 2021-25) के छात्र बीरू चौहान ने प्राप्त किया। बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग (बैच 2021-25) के छात्र अभय आनंद तथा बीए ऑनर्स मनोविज्ञान (बैच 2022-25) की छात्रा अदिति गुप्ता को क्रमशः रजत एवं कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।
मोहम्मद गुलरेज़, ग्रुप मैनेजर (एआई एवं डेटा/टेक्निकल प्रोग्राम मैनेजमेंट), इंटुइट को विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार प्रदान किया गया। प्रतिष्ठित एलुमनी “ग्रेजुएट ऑफ द लास्ट डिकेड” गोल्ड अवार्ड 2025 लेफ्टिनेंट शौर्य प्रताप सिंह सेकवार, भारतीय नौसेना को प्रदान किया गया।
राज्यपाल ने सभी स्नातक विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने विद्यार्थियों से सीखने की भावना और आत्मविश्वास विकसित करने का आह्वान किया, जिससे वे जीवन की वास्तविक चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सकें। उन्होंने कहा कि वे प्रत्येक स्नातक को अपने-अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ के रूप में देखना चाहते हैं।
माननीय राज्यपाल ने विद्यार्थियों को बड़े सपने देखने तथा उन्हें पूर्ण समर्पण, निष्ठा और कठिन परिश्रम के साथ साकार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), रोबोटिक्स, नैनो टेक्नोलॉजी एवं क्वांटम कंप्यूटिंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए आधुनिक तकनीकों के माध्यम से भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करने का संदेश दिया।
उन्होंने युवाओं से “राष्ट्र प्रथम” की भावना अपनाने और अपनी ऊर्जा का उपयोग भारत को विकसित, आत्मनिर्भर एवं विश्वगुरु बनाने में करने का आह्वान किया। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा प्रतिपादित प्रमुख सिद्धांतों का अनुसरण करते हुए आने वाले वर्षों में भारत को वैश्विक शक्ति बनाने का आग्रह किया।
माननीय राज्यपाल ने युवाओं को स्टार्टअप और उद्यमिता के क्षेत्र में कार्य करने की सलाह दी तथा महिला नेतृत्व के योगदान की सराहना करते हुए महिला सशक्तिकरण के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने विद्यार्थियों से जिम्मेदार नागरिक बनने, मानव सेवा के प्रति समर्पित रहने तथा अपने व्यवहार में विनम्रता बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने डीआईटी विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की सराहना करते हुए उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान-आधारित शिक्षा की दिशा में कार्यरत उन्नत संगठनात्मक ढांचे और अद्वितीय संरचना के निर्माण के लिए विश्वविद्यालय की प्रशंसा की।
समारोह के समापन पर डॉ. सुरभि सचदेव, कुलसचिव, डीआईटी विश्वविद्यालय ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए प्रबंधन, संकाय सदस्यों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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