उत्तराखंड में राशन पर एक बहुत बड़ा अपडेट सामने आया है। राशन उपभोक्ताओं को फ्री गेहूं-चावल के लिए अब परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। फिंगर प्रिंट मिलान न होने या अपडेट न होने की वजह से उपभोक्ताओं का राशन नहीं रुकेगा। बायोमेट्रिक पहचान से ही राशन देने पर केंद्र की सख्ती के बीच राज्य सरकार ने उपभोक्ताओं को कुछ राहत दी है।
अपर आयुक्त-खाद्य पीएस पांगती के अनुसार यदि वास्तव में किसी उपभोक्ता के बायोमेट्रिक पहचान में दिक्कत आ रही हो तो उसे राशन दिया जाएगा। लेकिन इसका प्रमाणिक ब्योरा हर राशन डीलर को अपने रजिस्टर में दर्ज करना होगा। यह सुविधा अपरिहार्य स्थिति में ही मान्य होगी।
राज्य में आज से सरकारी राशन की दुकानों से बायोमेट्रिक प्रणाली से ही राशन देने की व्यवस्था लागू हो गई है। केंद्र सरकार की सख्त के बाद सरकार ने यह निर्णय किया है। आपके अखबार ह्यहिन्दुस्तानह्ण ने आज के अंक में इस खबर को ब्रेक किया है। राशन डीलर बायोमेट्रिक प्रणाली की कुछ खामियों को लेकर ऊहापोह में हैं। उनका कहना है कि कुछ बुजुर्ग लोगों के फिंगर प्रिंट अपडेट नहीं हैं।