25 जुलाई को क्यों शपथ लेते हैं राष्ट्रपति? 1977 के बाद से इसी दिन हुआ शपथग्रहण

द्रौपदी मुर्मू सोमवार यानी 25 जुलाई को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी। खास बात यह है कि 1977 के बाद वह 10वीं ऐसी राष्ट्रपति होंगी जो कि इसी तारीख को शपथ लेंगी। 24 जुलाई को रामनाथ कोविंद का कार्यकाल खत्म हो गया है। 23 तारीख को उन्हें संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में विदाई दी गई। रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति के रूप में आज आखिरी बार देश को संबोधित किया।

देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण की तैयारियां पूरी हो गई हैं। संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में उनका शपथ ग्रहण होना है। बता दें कि राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के लिए कोई तारीख निश्चित नहीं है फिर भी 1977 के बाद से देखा गया है कि निर्धारित प्रक्रिया के तहत चुने गए हर राष्ट्रपति ने 25 जुलाई को ही शपथ ली है।

इस मामले में अपवाद केवल पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, उनके बाद सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद हैं। राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी। इसी दिन भारत  गणतंत्र बना था। इसके बाद 1952 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव जीता। दो बार राष्ट्रपति बनने के बाद 13 मई 1962 को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के राष्ट्रपति चुने गए। वह 13 मई 1967 तक राष्ट्रपति रहे। राधाकृष्णन के बाद दो राष्ट्रपति जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद अपना कार्यकाल नहीं पूरा कर पाए। बीच में ही उनका निधन हो गया और मध्यावधि चुनाव कराने पड़े। देश के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई 1977 को शपथ ली। तब से आज तक सारे राष्ट्रपति 25 जुलाई को ही शपथ लेते आ रहे हैं। इसमें ज्ञानी जैल सिंह, आर वेंकटरमन, शंकर दयाल शर्मा, केआर नारायणन, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, प्रणव मुखर्जी, रामनाथ कोविंद का नाम शामिल है।

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