कोरेाना काल के रिजल्ट को यदि शामिल न किया जाए तो इस साल कक्षा दस और 12 वीं का बोर्ड रिजल्ट में एक से दो प्रतिशत तक सुधार आया है। लेकिन चिंता की बात यह है कि परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट आई है। प्रथम से लेकर तृतीय श्रेणी तक पास होने वाले छात्रों की संख्या घट गई है।
कोरोना काल की वजह से पिछले साल बिना परीक्षा लिए ही छात्रों को पास किया गया था। इस वजह से बोर्ड का रिजल्ट 99 प्रतिशत तक चला गया था। लेकिन वर्ष 2020 के साथ तुलना करने पर यह स्थिति काफी चिंताजनक हो रही है। हाईस्कूल में सम्मान सहित प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्रों का जो प्रतिशत वर्ष 2021 में 8.54 था।
वो इस साल घटकर 5.70 प्रतिशत रह गया है। इसी प्रकार प्रथम श्रेणी में पास होने वाले छात्रों की संख्या में भारी गिरावट आई है। करीब दस फीसदी से कम छात्र इस साल पास हुए हैं। द्वतीय श्रेणी में नौ प्रतिशत कम छात्र पास हुए हैं। तृतीय श्रेणीका औसत भी कमजोर ही है। इसी प्रकार इंटर मीडिएट में भी हाल है।
वर्ष 2020 के मुकाबले इंटर में भी सम्मान प्रथम श्रेणी, प्रथम श्रेणी, दूसरी और तृतीय श्रेणीमें पास होने वाले छात्रों का प्रतिशत गिरा है। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कोराना काल में छात्रों को लंबे समय तक स्कूलों से दूर रहना पड़ा था। उनकी पढ़ाई की आदत भी छूट गई थी। यह उसका असर भी हो सकता है। बहरहाल अब स्कूल सामान्य रूप से खुलने लगे हैं। इसलिए आगे बेहतर नतीजे देखने को मिलेंगे।
वर्ष/कक्षा 10 12
2020 76.91 80.26
2021 99.09 99.56
2022 77.47 82.63 (बोर्ड रिजल्ट प्रतिशत में)