उत्तराखंड में 13 जिले 13 डेस्टिनेशन योजना धरातल पर नहीं उतर पाई है। वर्ष 2019 में त्रिवेंद्र सरकार के समय शुरू हुई इस योजना के तहत हर जिले में एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित होना था। योजना के लिए पचास- पचास लाख रुपये का बजट भी मंजूर किया गया, लेकिन पांच जिलों में योजना के तहत अभी तक कोई काम शुरू नहीं हो पाया। किसी जिले में जमीन को लेकर पेच फंसा है तो कहीं अभी तक योजना का डिजायन ही तैयार नहीं हो पाया है।
डेस्टिनेशन योजना की टोकन मनी भी वापस
पौड़ी जिले में 13 डेस्टिनेशन योजना के तहत सतपुली झील का विकास होना था, लेकिन योजना पर अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। इस झील के विकास पर कुल 11 करोड़ रुपये खर्च होने थे। पहले चरण में 20 लाख रुपये की टोकनी मनी दी गई थी। लेकिन काम शुरू न होने की वजह से यह बजट वापस हो गया है।
हालांकि पौड़ी के मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि झील के विकास के लिए परियोजना तैयार हो रही है। सिंचाई और पर्यटन विभाग की ओर से संयुक्त निरीक्षण किया गया है। पर्यटन विकास परिषद योजना निर्माण के लिए कंसल्टेंसी फर्म का चयन किया जा रहा है।
पर्यटन मुख्यालय में लटका झील विकास का प्रस्ताव
हरिद्वार जिले में 13 डेस्टिनेशन योजना के तहत झिलमिल झील पर्यटन स्थल का विकास होना है। लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। योजना का प्रस्ताव बनाकर जिला पर्यटन की टेक्निकल कमेटी ने पर्यटन मुख्यालय को भेजा है। हालांकि उसके बाद से अभी तक कोई जबाव नहीं आया है। इस योजना पर कुल एक करोड़ 21 लाख रुपये खर्च होने हैं।
50 लाख की धनराशि विभाग को मिल चुकी है। लेकिन योजना पर काम शुरू नहीं हुआ है। पर्यटन अधिकारी सुरेश सिंह यादव ने कहा कि योजना का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है। निर्देश मिलने पर काम शुरू कराया जाएगा।
पिथौरागढ़ में तैयार नहीं हो पाया ट्यूलिप गार्डन
पिथौरागढ़ जिले में 13 डेस्टिनेशन योजना के तहत चंडाक व मड़ में ट्यूलिप गार्डन बनाया जाना था। इस योजना को धरातल पर उतारने का जिम्मा पर्यटन व वन विभाग को दिया गया था। प्रयोग के तौर पर पर्यटन विभाग ने 25 लाख की लागत से चंडाक में ट्यूलिप के बल्ब रोपे।
भूमि व मौसम अनुकूल होने पर मड़ में ट्यूलिप गार्डन स्थापित होना था। लेकिन गार्डन अभी तक स्थापित नहीं हो पाया है।
डीएफओ कोको रोसे ने कहा फिलहाल मड़ में ट्यूलिप गार्डन स्थापित करने की शासन से अनुमति नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि योजना पर अभी तक कोई भी बजट खर्च नहीं हुआ है।
डेस्टिनेशन के लिए जमीन ही नहीं मिली
13 डेस्टिनेशन योजना के तहत रुद्रप्रयाग जिले में भी कोई काम नहीं हो पाया है। रुद्रप्रयाग में पर्यटन स्थल चिरबटिया को इस योजना के तहत टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में संवारा जाना था लेकिन जमीन उपलब्ध नहीं होने की वजह से अभी तक योजना पर काम शुरू ही नहीं हो पाया है। यहां कोई धनराशि भी खर्च नहीं हुई है।
बागेश्वर के प्रस्ताव को नहीं मिली मंजूरी
बागेश्वर में 13 डेस्टिनेशन योजना के तहत जौलकांडे व रैतोली का विकास किया जाना था। लेकिन अभी तक योजना की डीपीआर भी मंजूर नहीं हुई है। योजना के लिए अभी तक कोई बजट भी जारी नहीं हुआ है।जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति आर्या ने बताया कि योजना की डीपीआर लघु सिंचाई विभाग ने तैयार करके केएमवीएन को दी है।
अब केएमवीएन ने आंगणन बनाकर शासन को भेजा है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव के आंगणन की अभी देहरादून में प्रस्तुति होनी है। उसके बाद ही इस संदर्भ में कोई निर्णय हो पाएगा। बागेश्वर में भी फिलहाल योजना को लेकर धरातल पर कुछ नहीं है।
धामी सरकार के बजट में भी वादा
13 जिले 13 डेस्टिनेशन योजना अभी तक पूरी तरह धरातल पर नहीं उतर पाई है, लेकिन मौजूदा सरकार की प्राथमिकता में भी यह योजना है। धामी सरकार की ओर से विधानसभा में पास कराए गए बजट में प्रमुखता से इस योजना का जिक्र है और इसके लिए बजटीय प्रावधान भी किए गए हैं। इस योजना के तहत राज्य में 13 नए पर्यटक स्थलों का विकास होना है जिससे राज्य में पर्यटन के नए अवसर तैयार होंगे और स्थानीय लोगों को रोजगार के मौके भी मिलेंगे।