लंबे समय से अंतर्कलह से जूझ रही कांग्रेस पार्टी के नेता अब खुद मानने लगे हैं कि उत्तराखंड में विपक्ष कमजोर पड़ने लगा है। कांग्रेस नेताओं ने गंभीरता से साथ नए रोडमैप के साथ आगे बढ़ने की जरूरत जाहिर की। पूर्व काबीना मंत्री हरक सिंह रावत के आवास पर हुई बैठक में जताई गई चिंता ने सीधा सीधा प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व पर भी सवाल उठा दिए।
बैठक के बाद हरक ने मीडिया से बातचीत में साफगोई से कहा कि यदि विपक्ष कमजोर होता है तो सरकार भी निरंकुश हो जाती हैं। हरक ने आगे कहा कि जब मैं नेता प्रतिपक्ष था तब सड़कों पर संघर्ष नजर आता था। जिसकी कमी अब दिख रही है। विरेाध केवल दिखावे का नहीं होना चाहिए। हरक पूर्व सीएम हरीश रावत और थोड़ा पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को भी कसा।
उन्होंने कहा कि, हरीश भाई बेहद सीनियर व्यक्ति हैं। उन्हें सोचना चाहिए कि अब टोटको की राजनीति चलने वाली नहीं है। और अक्सर दिखाई देता है कि पार्टी के नेता आपस में ही लड़ रहे हैं। जब खुद ही लड़ते रहेंगे तो सरकार से कब लड़ेंगे? जिस पार्टी में हो, उसके प्रति वफादार भी रहना चाहिए। जल्द ही एक रेाडमैप तय कर हाईकमान से भी बातचीत की जाएगी।
प्रीतम ने कहा कि लगातार दो बार हार से कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं। विपक्ष कमजोर दिख रहा है। बैठक में विधायक दल के उपनेता भुवन कापड़ी, प्रतापनगर विधायक विक्रम सिंह नेगी, पूर्व विधायक राजकुमार, विजयपाल सजवाण, लालचंद शर्मा मौजूद रहे।
विपक्ष कमजोर नहीं मजबूत है: करन माहरा
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा विपक्ष को कमजोर बताए जाने से सहमत नहीं है। करन ने कहा कि जब से वो अध्यक्ष बने हैं तब से आए दिन कांग्रेस मजबूती के साथ संघर्ष कर रही है। शायद ही पहले ऐसी सक्रियता रही हो। बैठक की मुझे जानकारी नहीं है, लेकिन सभी लोग मेरे सीनियर और समकक्ष हैं। सभी मिलजुलकर जनहित के मुद्ददों को मजबूती से उठाते रहेंगे।