अल्मोड़ा जिले में कृषि का रकबा बढ़ाने और जंगली जानवरों के आतंक से किसानों की फसलों को बचाने के लिए कृषि विभाग की ओर से नई पहल की शुरुआत की जा रही है। जिसके तहत अब विभाग खेतों के आसापास चेन लिंक्ड फैंसिंग करेगा। बकायदा इसके लिए इन दिनों विभाग की ओर से गांव-गांव सर्व कार्य किया जा रहा है। पहले चरण में कृषि क्षेत्र में अग्रणी और जानवरों के आतंक वाले क्षेत्रों को चयनित किया जाएगा।
दरअसल, जिले में जंगली जानवर और बंदर हर साल किसानों की फसलों को खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं। कभी मौसम की मार तो कभी जंगली जानवरों के आतंक से किसान परेशान हैं। किसानों का खेती बाड़ी से मोह भंग हो रहा है। जंगली जानवरों के आतंक के चलते सैकड़ों खेत बंजर हो चुके हैं। लोग पलायन को विवश हो रहे हैं। जिले वजह से साल दर साल कृषि का रकबा कम हो रहा है।
इधर अब इसी समस्या का समाधान के लिए कृषि विभाग नई पहल की शुरुआत करने जा रहा है। जंगली जानवरों से खेती को बचाने के लिए खेतों के आसापास चैंन लिंक्ड फैंसिंग करेगा। जिससे की किसानों की खेती को जंगली जानवरों से बचाया जा सका। यदि विभाग की यह कवायद रंग लाई तो जल्द ही लोगों को जंगली जानवरों के आंतक से राहत मिलेगी और उनकी फसल बच सकेगी।
गांव में ही कमेटी का होगा गठन
मुख्य कृषि अधिकारी डी कुमार ने बताया कि इन दिनों सर्व कार्य किया जा रहा है। जिसके बाद काश्तकारों को निशुल्क चैंन लिंक्ड फैंसिंग की सुविधा देगा। हालांकि इसके लिए गांव में ही कमेटी का गठन होगा। जिसके बाद काश्तकार कमेटी के माध्यम से चैंन लिंक्ड फैंसिंग की सुविधा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
ये होंगे फायदें
चैंन लिंक्ड फैसिंग एक जाली नुमा होगा जिसको फोल्ड करने की सुविधा होगी। किसान अपने अनुसार खेतों में कभी भी चैंन लिंक्ड फैंसिंग कर सकता है। इससे खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ेगा। साथ ही खेती में नुकसान नहीं होने से उत्पादन बढ़ेगा, किसानों को आय में भी होगा लाभ। 1 लाख से अधिक किसान है अल्मोड़ा में जिले में वर्तमान में एक लाख से अधिक किसान हैं। जबकि 97 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में कृषि की
जाती है।