22 साल से जिम्मेदारी संभालते हुए थके सतीश नैनवाल, करन माहरा से लगाई खुद को मुक्त करने की गुहार

विधानसभा चुनावों में लगातार हार का मुंह देख रही कांग्रेस में बड़े पैमाने पर बदलाव की जरूरत है। जिसका संकेत खुद प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा दे चुके हैं। नैनीताल जिले की बात करें तो पार्टी 17 साल से नया जिलाध्यक्ष तक नहीं ढूंढ सकी है। आलम ये है कि यूपी के समय नैनीताल जिले में सबसे कम उम्र का ब्लॉक प्रमुख बनने का रिकॉर्ड बनाने वाले सतीश नैनवाल को लगातार जिलाध्यक्ष बनाए रखा, लेकिन कभी आगे नहीं बढ़ाया गया। अब उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा से इस दायित्व से मुक्त करने की गुहार लगाई है।

2001 से लगातार जिलाध्यक्ष हैं नैनवाल

2001 में सतीश नैनवाल को जिलाध्यक्ष बनाया गया था। इससे पूर्व जिलाध्यक्ष जया बिष्ट थीं जिन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 2005, 2010, 2014 और 2018 में 5-5 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें जिलाध्यक्ष बनाया जाता रहा है। 2014 और 2018 में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्षों से उन्होंने इस जिम्मेदारी से खुद को मुक्त करने की गुहार लगाई लेकिन, उनकी एक न सुनी गई। जबकि, नैनवाल उस समय राजनीति के उस पड़ाव पर थे जहां से जिले की किसी विधानसभा से विधायकी के लिए दावेदारी पेश कर सकते थे। वे 2002 और 2007 में जिला पंचायत अध्यक्ष तो 2014 में दूसरी बार ब्लॉक प्रमुख बने।

नैनीताल कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल ने कहा, ‘नैनीताल जिलाध्यक्ष पद पर मुझे लगातार 5 बार जिम्मेदारी मिल चुकी है। लंबे अनुभव के बाद मैंने प्रदेश अध्यक्ष से निवेदन किया है कि वे मुझे इस पद से मुक्त कर दें। उनसे बीते दिनों हल्द्वानी में इस संबंध में चर्चा हुई है।’

15 के बाद सांगठनिक चुनाव संभव

कांग्रेस की मानें तो 9 से 15 अगस्त तक प्रदेश भर में भारत बचाओ तिरंगा यात्रा का आयोजन होना है। इसके बाद ही सांगठनिक चुनाव कराए जाएंगे।

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