राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भारतीय तिरंगा न लगाने को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था कि ‘आजादी का अमृत महोत्वस’ जन आंदोलन में बदल रहा है और उन्होंने लोगों से दो अगस्त से 15 अगस्त के बीच अपने सोशल मीडिया खातों पर प्रोफाइल तस्वीर के रूप में ‘तिरंगा’ लगाने का अनुरोध किया था।
उसके बाद से कई लोगों ने अपनी प्रोफाइल डीपी बदल ली। हालांकि इसको लेकर सोशल मीडिया पर लोग आरएसएस की आलोचना कर रहे हैं। अब संघ ने आलोचना का बुधवार को जवाब दिया। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेडकर ने कहा, ‘ऐसी चीजों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। आरएसएस पहले ही ‘हर घर तिरंगा’ और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रमों को समर्थन दे चुका है। संघ ने जुलाई में सरकारी व निजी निकायों और संघ से जुड़े संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में लोगों तथा स्वयंसेवकों के पूर्ण समर्थन और भागीदारी की अपील की थी।’
आंबेडकर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बावजूद आरएसएस की वेबसाइट और सोशल मीडिया खातों पर तिरंगे की तस्वीर नहीं लगाने के लिए सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना के बारे में सवाल किया गया था, जिसपर उन्होंने यह जवाब दिया। आंबेडकर ने कहा कि इस तरह के मामलों और कार्यक्रमों को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘ऐसे मामलों में राजनीति नहीं की जानी चाहिए।’ आंबेडकर ने किसी का नाम लिए बगैर आरोप लगाया कि जो पार्टी ऐसे सवाल उठा रही है वह देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार है।