यूकेएसएसएससी पेपर लीक (UKSSS Paper Leak) घपले के बीच कांग्रेस ने पूर्व अध्यक्ष आरबीएस रावत के कार्यकाल की भी उच्च स्तरीय जांच की मांग की। मंगलवार को राजीव भवन में प्रेस कांफ्रेस मे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि इस मामले में वर्ष 2017-18 में सरकार ने विधानसभा के भीतर आंशरसीट में टैपरिंग पाने की बात स्वीकारते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा की थी। परीक्षा तो रदद जरूर कर दी गई, लेकिन दोषियों को सरकार ने बचा लिया।
माहरा ने कहा कि उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान इस मुद्द को उठाया था। इसके जवाब में तत्कालीन संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने सरकार की ओर से सदन में इस घोटाले में कार्रवाई की आश्वासन सदन को दिया था। रावत एक समय वन विभाग के एचओडी थे और उस दौरान फारोस्ट गार्ड भर्ती में हाकम सिंह का नाम आया था। हाकम पर इस मामले कोई कार्रवाई नहीं हुई और भाजपा ने उसे पंचायत चुनाव में टिकट भी दे दिया। फिर रावत यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष बन गए।
माहरा ने कहा कि इस बात की पूरी आशंका है कि पुराने रिश्तों को भुनाते हुए हाकम ने तब भी परीक्षाओं में निसंदेह सेंध लगाई होगी। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच जरूरी है। माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध किया कि यदि वास्तव में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है तो वर्ष 2016 से भर्ती घोटाले की जांच की जाए। माहरा ने अग्निवीर भर्ती योजना पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा उठाए सवालों का भी स्वागत किया। कहा कि अग्निवीर योजना विकास नहीं बर्बादी की योजना है। इसमें पहाड़ के युवाओं से छल किया जा रहा है।मेरी मांग हैं कि सरकार वर्ष 2016 की वीपीडीओ भर्ती घोटाले के दोषियों पर भी कार्रवाई करे। मुझे यह कहने में गुरेज नहीं है कि उस वक्त प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। लेकिन बेरोजगारों की उम्मीदों को बचाए रखने के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचना होगा।