भाजपा विजयरथ पर पिछले आठ साल से सवार है, पार्टी नेताओं के हौसले बुलंद होंगे ही। कांग्रेस घेराबंदी की कोशिश करती है तो भाजपा की ओर से भी पलटवार में विलंब नहीं होता। इस बार भाजपा संगठन के मुखिया महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस की दुखती रग पर ही हाथ रख दिया।
कांग्रेस की भारत जोड़ो और हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा पर तंज करते हुए भट्ट बोले कि कांग्रेस के करन माहरा पिछले कई महीनों से अपनी टीम तक तो जोड़ नहीं सके, भारत क्या जोड़ेंगे। दरअसल, माहरा ने प्रदेश कांग्रेस की कमान भाजपा के भट्ट से पहले संभाली थी, लेकिन अब तक वह अपनी टीम को अंतिम रूप नहीं दे पाए हैं। इधर, भट्ट ने राज्यभर में अपनी टीम खड़ी कर दी है। इसके बूते भट्ट इस साल होने वाले निकाय चुनाव में जीत का दम भर रहे हैं तो माहरा के पास इसका जवाब शायद क्या ही होगा।
हैप्पी न्यू इयर और नेताजी का संकल्प
मंत्रियों और नेताओं की कार्यशैली खासी दिलचस्प रहती है। मौका नव वर्ष का, तो सोचा कि अगर मंत्री नए साल के लिए संकल्प लें तो वे क्या होंगे। कार्यशैली के अनुसार संकल्प कुछ ऐसे होंगे। आप अनुमान लगाइए, कौन सा संकल्प किस पर फिट है। पहले बोले, अब किसी नौकरशाह से भिड़ने की हिमाकत नहीं, कुछ नहीं बिगड़ता इनका। दूसरे का जवाब, स्टाफ को कहूंगा कि एक दिन में एक ही प्रेस नोट जारी करो।अगले, सम्मानस्वरूप मिली उपाधि का इस्तेमाल करने से बचूंगा। चौथे, सरकार में मौका मिला है, अपने अलावा जनता के लिए भी कुछ सोचूंगा। एक मंत्री का दिलचस्प जवाब, अपना ड्रेसिंग सेंस सुधारना पड़ेगा, इस उम्र में टेक्नीकलर शायद सूट नहीं करता। दिल से निकला सबसे बढ़िया संकल्प, अब भाषा संयमित रखूंगा, मां-बहनों का सम्मान सुनिश्चित होना चाहिए। आखिर में सुनने को मिला सबसे ईमानदार जवाब, प्रतिद्वंद्वी पर हमले से पहले थोड़ा सा सोच भी लूंगा।
आदेश बार के, राजनीति ठेकों पर शुरू
अधजल गगरी छलकत जाए, कहावत तो सुनी होगी। इसका मतलब यह कि अधूरा ज्ञान, अधूरी जानकारी फजीहत का कारण बनती है। इसका अनुभव दो दिन पहले कांग्रेस के कुछ नेताओं को बखूबी हुआ। राज्य सरकार ने नव वर्ष पर पर्यटकों की सुविधा के लिए चार दिन होटल, रेस्टोरेंट 24 घंटे खोलने की अनुमति दी, इसमें बार भी शामिल किए गए। अब शासनादेश की भाषा जटिल थी या फिर पढ़ने वालों की समझ कम, बात का बतंगड़ बन गया।
भला कांग्रेसी कहां मौका चूकने वाले, तुरंत सरकार पर हमला बोल दिया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीधे मुख्यमंत्री धामी को ही लपेटे में लेने की कोशिश की, यह कहकर कि देवभूमि में 24 घंटे शराब की दुकानें खोल सरकार क्या संदेश देना चाहती है। बवाल बढ़ा तो आबकारी विभाग ने स्थिति साफ की कि यह आदेश केवल बार के लिए था, शराब के ठेकों के लिए नहीं। अब कांग्रेस नेता नदारद।
मामा और बुआ ने दिए 12 करोड़
राजनीति तो चलती रहती है, लेकिन इसका असली धर्म समाज के वंचित, शोषित व निर्बल वर्ग की सेवा है। धामी सरकार की मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना इसकी बानगी पेश कर रही है। कोरानाकाल में एक मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 तक की अवधि में कोराना समेत अन्य बीमारियों से माता-पिता और संरक्षकों को खो चुके बच्चों की सरकार हर दृष्टि से ख्याल रख रही है।
साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन बच्चों के मामा और महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या बुआ के रूप में इन बच्चों के अभिभावक के तौर पर काम कर रहे हैं। हाल में मामा और बुआ ने इन छह हजार बच्चों के बैंक खातों में 12 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की। साथ ही सरकार की ओर से से ऐसे बच्चों की सुरक्षा समेत अन्य विषयों पर चिंता की गई है। सरकार के इस तरह के कदम की सराहना तो बनती है।