अब तक माना जा रहा था कि पलायन का दंश केवल गढ़वाल के जिले झेल रहे रहे हैं, लेकिन मैदानी जिले हरिद्वार में भी पलायन के संकेत मिले हैं। पलायन निवारण आयोग ने हरिद्वार जिले की रिपोर्ट तैयार कर ली है। आयोग की ओर से 21 दिसंबर को मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
पलायन निवारण आयोग जिलेवार सर्वे कर पलायन की रोकथाम के लिए रिपोर्ट तैयार करने में जुटा है। अब तक 11 जिलों की रिपोर्ट सरकार को सौंपी जा चुकी है। इसके साथ ही गांवों की आर्थिकी सशक्त बनाने के लिए भी आयोग सरकार को अपनी संस्तुतियां दे चुका है। आयोग की ओर से बीते छह माह से हरिद्वार जिले में सर्वे किया जा रहा था। रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है। माना जा रहा है कि, आयोग 21 दिसंबर को मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपने के साथ ही इसका विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत करेगा।
सूत्रों की मानें तो सर्वे में सामने आया है कि जिले के किसान खेती को छोड़कर कस्बों और सिडकुल में स्थापित उद्योगों की ओर आकर्षित हुए हैं। जिले से दूसरे राज्यों में भी पलायन हुआ है। खासकर कम जोत वाले किसान इस श्रेणी में अधिक हैं। कम जोत के साथ अधिक लागत और कम मुनाफा उन्हें खेती से विमुख कर नौकरियों की ओर आकर्षित कर रहा है।
इसलिए किया गया पलायन आयोग का गठन