केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश हादसे में सात लोगों की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हेलीकॉप्टर में दो बड़े धमाके हुए और फिर हेलीकाप्टर में आग लग गई।
प्रारंभिक जांच के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि केदारनाथ से उड़ान भरने के बाद पायलट अनिल कुमार ने कंट्रोल रूम में कॉल किया था।
मौसम खराब देख लौट रहे थे पायलट अनिल सिंह
पायटल ने मौसम खराब होने की सूचना दी थी। पायलट अनिल कुमार ने कहा था कि घना कोहरा आ गया है और कुछ नजर नहीं आ रहा है। इसलिए वापस आ रहे हैं। लेकिन उससे पहले ही दुर्घटना हो गई।आशंका जताई जा रही है कि दुर्घटना का कारण हेलीकॉप्टर का पहाड़ी से टकराना भी हो सकता है। वहीं मंगलवार को केदारनाथ में बड़ी हेली दुर्घटना ने धाम में तीर्थ यात्रियों के लिए सुरक्षित हेली सेवा उपलब्ध कराने के दावों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
आर्मी एविएशन से सेवानिवृत्त होने के बाद 2018 से उड़ा रहे थे हेलीकॉप्टर
- आर्मी एविएशन से सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल सिंह वर्ष 2018 से आर्यन एविएशन कंपनी का हेलीकाप्टर उड़ा रहे थे।
- प्राथमिक रूप में दुर्घटना का कारण मौसम का खराब होना बताया जा रहा है।
- हेलीकॉप्टर के इंजन में खराबी आने से भी दुर्घटना हो सकती है।
- पायलट अनिल सिंह को लगभग 4800 घंटे हेलीकॉप्टर चलाने का अनुभव था।
आर्मी एविएशन से सेवानिवृत्त होने के बाद अनिल सिंह चार साल से केदारनाथ धाम के लिए नियमित उड़ान भर रहे थे।
मृतकों के नाम
- पायलट अनिल कुमार (57 वर्ष) निवासी मुंबई।
- पूर्वा रामानुज (26 वर्ष), कुर्ती बराड़ (30 वर्ष) व ऊर्वी बराड़ (25 वर्ष) तीनों निवासी गुजरात।
- सुजाता (56 वर्ष) व उनके पति प्रेम कुमार (63 वर्ष), कला (60 वर्ष) तीनों निवासी तमिलनाडू।