चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को नियंत्रित किया जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री ने नया प्लान तैयार किया है। जिसके तहत निकट भविष्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का पंजीकरण आधार कार्ड से जुड़ेगा।
एक तीर्थयात्री को साल में एक बार ही जाने की अनुमति दी जाए
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि एक तीर्थयात्री को साल में एक बार ही चारधाम जाने की अनुमति दी जाए।
टिम्मरसैंण महादेव यात्रा का व्यापक प्रचार प्रसार करने को कहा
उन्होंने बाबा अमरनाथ की तर्ज पर चमोली जिले की नीति घाटी में टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा का व्यापक प्रचार प्रसार करने को भी कहा। टिम्मरसैंण महादेव में भी अमरनाथ की तरह बर्फ का शिवलिंग आकार लेता है।
चारधाम शीतकालीन प्रवास स्थलों में तीर्थाटन को बढ़ावा देने पर जोर
पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि चारधाम के कपाट बंद होने पर केदारनाथ की डोली ऊखीमठ, गंगोत्री की मुखबा और यमुनोत्री की डोली शीतकाल में खरसाली में विराजमान होगी।
बदरीनाथ के कपाट बंद होने पर भगवान बदरीनारायण जोशीमठ व पांडुकेश्वर में विराजेंगे। सरकार का फोकस चारधाम के इन शीतकालीन प्रवास स्थलों में भी तीर्थाटन को बढ़ावा देना है।
वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा त्रियुगीनारायण
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में गुरु गोरखनाथ ट्रेक के साथ ही इस ट्रेक में पडऩे वाले मंदिरों का भी सर्किट विकसित किया जाएगा। भगवान शिव एवं पार्वती के विवाह स्थल त्रियुगीनारायण को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है।