पूर्व सीएम हरीश रावत (Ex CM Harish Rawat) और बेटे आनंद रावत (Anand Rawat) के बीच इंटरनेट मीडिया पर सवाल-जवाब का सिलसिला फिर शुरू हो चुका है। पिछले दिनों आनंद ने कहा था कि एक गुरु के तौर पर भगत सिंह कोश्यारी (पूर्व सीएम व वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल) ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को अर्जुन की तरह तराशा और हर कदम पर आशीर्वाद दिया। जबकि मेरे गुरु हरीश रावत ने एकलव्य की भांति हर निर्णायक मोड़ पर मेरा अंगूठा मांगा।
पिता-पुत्र के पोस्ट पर आ रहे कमेंट
अब हरदा ने फेसबुक पोस्ट के जरिये प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विडंबना देखिए कि जिन लोगों के लिए अंगूठा लिया गया। अब वो ‘मेरे अंगने में तेरा क्या काम हैÓ, गाना गुनगुनाते हैं। पिता-पुत्र की इन पोस्टों को लेकर तमाम तरह के कमेंट भी आ रहे हैं।
आनंद को किसी चुनाव में नहीं मिला टिकट
पूर्व सीएम हरीश रावत के बेटे आनंद रावत 2011 में यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने थे। उसके बाद से तीन विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। लेकिन टिकट की कतार और घोषणा दोनों से उनका नाम हमेशा गायब दिखा। जबकि बेटी अनुपमा इस बार हरिद्वार ग्रामीण से टिकट पाकर जीत दर्ज करने में कामयाब रही।
पिता हरदा पर की थी ये टिप्पणी
दूसरी तरफ आनंद अपने पिता की तरह इंटरनेट मीडिया पर सत्ता व विपक्ष दोनों पर टिप्पणी करने के आदी है। सवाल उठाने के साथ सुझाव भी देते हैं। हाल में उन्होंने अपनी एक पोस्ट के केंद्र में सीएम पुष्कर सिंह धामी को रखते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री और उनमें कई समानता है। उनके यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के एक साल बाद ही धामी युवा विधायक के तौर पर प्रदेश की राजनीति में नजर आए। उनके गुरु ने द्रोणाचार्य की भूमिका निभाते हुए अर्जुन की तराशा है। लेकिन मेरे गुरु यानी हरीश रावत ने मुझे एकलव्य मान अंगूठा मांग लिया।
हरदा ने दिया ये जवाब
इसके बाद हरदा ने बुधवार को फेसबुक पोस्ट के जरिये कहा कि एक नौजवान ने जिस पीड़ा के साथ यह कहा, उसमें सत्यता है। 2007, 2012 और 2017 में उसके परिश्रम को अंगूठे के तौर पर मांग लिया था। लेकिन जिनके के लिए यह सब किया गया। अब वो कहते हैं कि मेरे अंगने में तेरा क्या काम। आनंद को सलाह देते हुए कहा कि जनसपंर्क बनाए रहो। धैर्य सबको पुरस्कार देता है। समय खुद पुकारेगा।