उत्तराखंड दारोगा भर्ती में गड़बड़ी मामले में शासन की अनुमति के बाद दर्ज हुआ मुकदमा

उत्तराखंड दारोगा भर्ती में गड़बड़ी मामले में आखिरकार शासन ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति विजिलेंस को दे दी है। अनुमति मिलते ही विजिलेंस नेअज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

ओएमआर शीट में छेड़छाड़ कर गड़बड़ी का मामला

2015-16 में हुई उत्तराखंड पुलिस उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में परीक्षा से पूर्व लीक व ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ कर गड़बड़ी की बात सामने आई है, जिसकी विजिलेंस जांच कर रही है। विजिलेंस की ओर से नकलची दारोगाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी, जिसके बाद अपर सचिव शासन ललित मोहन रयाल ने निदेशक सतर्कता अधिष्ठान को मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दे दी है।

एसटीएफ को बताई थी दारोगा भर्ती में गड़बड़ी की बात

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की ओर से दिसंबर 2021 में करवाई गई स्नातक स्तर की परीक्षाओं का पेपर लीक होने का मामला सामने आने के बाद जब जांच हुई थी। इस मामले में पंतनगर विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त असिस्टेंट एस्टेब्लिसमेंट आफिसर (एईओ) दिनेश चंद्र को गिरफ्तार किया था। आरोपित 2006 से 2016 तक विश्वविद्यालय की परीक्षा सेल में कार्यरत रहा और 2015 में हुई दारोगा भर्ती में हुई गड़बड़ी की बात उसने एसटीएफ को बताई थी।

2015 में हुई 339 पदों पर सीधी भर्ती

पंतनगर कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा 2015 में 339 उत्तराखंड पुलिस उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा करवाई गई, जिसमें पेपर लीक और ओएमआर शीट में छेड़छाड़ करने की बात सामने आई है। अब शासन स्तर पर मामले में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मिलने के बाद, जल्द ही दोषियों के खिलाफ विजिलेंस की तरफ से मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।

  • इस मामले में अब नकलची दारोगाओं के गिरफ्तार होने की संभावना है।

सरकार के विरुद्ध कोर्ट जाने की तैयारी

विजिलेंस की ओर से की जा रही दारोगा भर्ती जांच मामले में खुद को फंसता देख अब कुछ दारोगा कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं। पुलिस विभाग के सूत्रों की मानें तो विजिलेंस जांच में 30 से 35 दारोगाओं पर गाज गिर सकती है।

  • इनमें से कुछ तो ऐसे हैं, जिनकी कार्यप्रणाली शुरू से ही सवालों के घेरे में है।
  • कुछ का कनेक्शन हाकम सिंह रावत के साथ भी बताया जा रहा है।

    भ्रष्टाचार पर हमारा रुख स्पष्ट : सीएम

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भर्तियों में अनियमितता और भ्रष्टाचार पर हमारा रुख प्रारंभ से ही स्पष्ट है। जिन्होंने गलत किया है उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी और भविष्य की भर्तियां पूरी तरह से पारदर्शी रहे यह सुनिश्चित किया जाएगा। रिक्त पदों को भरने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

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