हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट आज दोपहर 1:30 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने कपाट बंद करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
हेमकुंड में बीते तीन दिन से रुक-रुककर बर्फबारी हो रही है। इससे वहां बर्फ की लगभग सात इंच मोटी परत जम चुकी है। इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए कपाटबंदी के मौके पर तीर्थ यात्रियों की मदद के लिए एसडीआरएफ, पुलिस व सेना पूरी तरह मुस्तैद हैं।
एक लाख 89 हजार 352 तीर्थ यात्री टेक चके मत्था
समुद्रतल से 15225 फीट की ऊंचाई पर चमोली जिले में स्थित हेमकुंड साहिब के कपाट इस वर्ष 22 मई को खोले गए थे। आठ अक्टूबर तक एक लाख 89 हजार 352 तीर्थ यात्री हेमकुंड साहिब में मत्था टेक चुके थे। अब जबकि धाम के कपाट बंद होने जा रहे हैं, तो इस यादगार मौके का गवाह बनने के लिए 1500 से अधिक तीर्थ यात्री घांघरिया पहुंच चुके हैं।
चार बजे घांघरिया से हेमकुंड साहिब के लिए प्रस्थान
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि तीर्थ यात्री तड़के चार बजे घांघरिया से सतनाम वाहेगुरु का जाप करते हुए हेमकुंड साहिब के लिए प्रस्थान करेंगे। उनकी मदद के लिए 418-स्वतंत्र ब्रिगेड के कैप्टन अनमोल प्रीत सिंह के नेतृत्व में सेना के 25 जवान भी साथ चलेंगे।
कपाटबंदी के उत्सव में शामिल होने के लिए दिल्ली से जनक सिंह, करनाल से अमरीक सिंह व जालंधर से भगत सिंह के नेतृत्व में जत्थे आए हुए हैं। उत्सव को यादगार बनाने के लिए मोगा से पूर्व फौजियों का बैंड भी पहुंच चुका है। कपाटबंदी के दौरान निशान साहेब से जोड़े भी बदले जाने हैं।
कपाटबंदी के कार्यक्रम
- सुबह दस बजे से सुखमणि साहिब का पाठ शुरू होगा
- 11:15 बजे सूबा सिंह की टीम सबद-कीर्तन प्रस्तुत करेगी
- 12:45 बजे इस वर्ष की अंतिम अरदास होगी
- दोपहर एक बजे गुरुग्रंथ साहिब का अंतिम हुक्मनामा लिया जाएगा
- दोपहर 1:05 बजे पंज प्यारों की अगुआई में गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी साहिब में सुशोभित कर दरबार साहिब से सतखंड गर्भगृह में लाया जाएगा
- दोपहर 1:30 बजे शीतकाल के लिए हेमकुंड साहिब के कपाट बंद कर दिए जाएंगे