अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 2016 में हुई वीपीडीओ के (ग्राम पंचायत विकास अधिकारी) के 196 पदों पर हुई भर्ती परीक्षा में ओएमआर शीट में फ्ल्यूड और ब्लेड से छेड़छाड़ की गई थी। इन पदों के लिए 87 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। विभागीय और फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट में छेड़छाड़ की पुष्टि होने के बाद भी आरोपियों पर कार्रवाई के बजाय मामले को दबाया गया।
इसी भर्ती परीक्षा में लगभग सात साल के बाद आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव और परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी हुई है। समूह ग के पदों की भर्ती के लिए सरकार ने वर्ष 2014-15 में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया था। अस्तित्व में आने के बाद आयोग ने 20 नवंबर को 2015 को पंचायतीराज विभाग में वीपीडीओ के 196 पदों की भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी।
यह आयोग की पहली बड़ी भर्ती थी। इस पदों के लिए 1.10 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, लेकिन 6 मार्च 2016 में आयोजित लिखित परीक्षा में 87 हजार अभ्यर्थी ही शामिल हुए थे। 29 मार्च 2017 को परीक्षा का रिजल्ट घोषित के बाद भर्ती विवादों में आई। अनियमितता को लेकर तत्कालीन अपर मुख्य सचिव डॉ. रणबीर सिंह को जांच सौंपी गई थी।
ब्लेड से खरोंच कर मिटाने का हुआ खुलासा