रायपुर थाना पुलिस ने तीन ऐसे युवकों को पकड़ा है, जो महंगी बाइक व स्कूटर चलाने का शौक पूरा करने के लिए दोपहिया वाहन चोरी कर रहे थे। एक वाहन से मन भर जाने के बाद आरोपित उसे जंगल में छिपा देते और दूसरी बाइक या स्कूटर चोरी कर लेते थे।
पुलिस ने आरोपितों से चोरी की तीन स्कूटी और पांच बाइक बरामद की हैं। इनमें तीन बाइक का आरोपित वर्तमान में इस्तेमाल कर रहे थे। अन्य तीन स्कूटी और दो बाइक उन्होंने दून के बालावाला में जंगल में छिपा रखी थीं। वाहन चोर गिरोह के तीनों आरोपित सदस्य मूल रूप से उत्तरकाशी के रहने वाले हैं।
घटनास्थलों के आसपास 70 सीसीटीवी कैमरे खंगाले
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने अपने कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता में बताया कि इसी 14 अगस्त को रायपुर के तुनवाला से प्रदीप शर्मा, 21 अगस्त को सुंदरवाला से असलम सैफी और 20 सितंबर को ज्योतिर्मय एन्क्लेव तुनवाला से प्रवीण कुमार की बाइक चोरी हुई। लगातार हो रही वाहन चोरी को देखते हुए रायपुर थानाध्यक्ष मनमोहन सिंह नेगी ने अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर एसएसआइ आशीष रावत को जांच सौंपी।पुलिस ने घटनास्थलों के आसपास लगे 70 सीसीटीवी कैमरे खंगाले। इनमें तीनों वाहन समान हुलिये और चेहरे वाले तीन युवक चोरी करते दिखे। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और चोरी किए गए वाहनों के नंबर के आधार पर पुलिस उन तक पहुंच गई।
25 सितंबर की रात तीनों आरोपितों को उत्तरकाशी में बंदरकोट तिराहे पर निर्माणाधीन कालेज के पास दबोच लिया गया। उस वक्त आरोपित चोरी की बाइकों से कहीं जा रहे थे। आरोपितों की पहचान सोमेश कुमार, परमवीर और आयुष निवासीगण ग्राम-बौन (डुंडा) उत्तरकाशी के रूप में हुई है।
सोमेश है गिरोह का मास्टरमाइंड
रायपुर थानाध्यक्ष मनमोहन सिंह नेगी ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड सोमेश है। वह कुछ समय पहले तक मसूरी के एक होटल में काम करता था। इसी दौरान वह अपने गांव से परमवीर व आयुष को भी लेकर आया और दोनों को देहरादून के एक होटल में नौकरी दिलाई। तीनों को नई और महंगी बाइक चलाने का शौक था।
सबसे पहले उन्होंने उत्तरकाशी से एक बाइक चोरी की। इसके बाद देहरादून से तीन स्कूटी चोरी कीं, लेकिन कुछ दिन बाद ही उनका मन स्कूटी से भर गया। आरोपितों ने तीनों स्कूटी दून के बालावाला में जंगल में छिपा दीं और बाइक चोरी करने लगे। दो माह पहले आयुष ने जिस होटल में वह काम करता था, उसके स्वामी की बुलेट चोरी कर ली। फिलहाल, तीनों आरोपित बेरोजगार घूम रहे थे।
कम उम्र में बन गए शातिर वाहन चोर
आरोपित सोमेश 18 साल का है, जबकि परमवीर व आयुष की उम्र 19 वर्ष है। इतनी कम उम्र में ही तीनों शातिर वाहन चोर बन गए। तीनों बिना चाबी के चंद मिनट में वाहन स्टार्ट कर देते थे। इस समय आरोपित अपाचे और बुलेट की सवारी कर रहे थे।