कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने अंकिता हत्याकांड पर सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले पहले से आरोपियों को बचाना चाहती है। इसलिए अंकिता के कमरे में बुलडोजर चलाया गया। आखिर इसका आदेश किसने दिया। सरकार ने सबूत मिटाने का काम किया है।
पत्रकारों वार्ता में टम्टा ने कहा कि अंकिता हत्याकांड में जो लोग शामिल थे, वो लोग बीजेपी के रसूखदार लोग हैं। सिर्फ पैसे का ही नहीं, राजनीतिक रसूख तक उनकी पकड़ है। इस मामले को सरकार पहले दिन से छिपाना चाहती थी।
कांग्रेस नेता टम्टा ने कहा जब अंकिता के पिता को जानकारी मिली की उनकी बेटी लापता है तो उन्होंने राजस्व पुलिस और सिविल पुलिस को जानकारी दी। लेकिन दोनों ने उस पर कोई गम्भीरता नहीं दिखाई। यदि पिता की यूचना पर गंभीरता दिखाई होती तो अंकिता की हत्या नहीं होती।
टम्टा ने कहा कि पटवारी सिस्टम का सबसे निचला अधिकारी है। उच्च अधिकारी डीएम है। आखिर चार दिन क्यों लगे कि मामला पुलिस को हैंड ओवर करने में? अंकिता को नहर में फेंकने से पहले मारा गया। सरकार ने आरोपियों को बचाने के लिए काम किया है। बुलडोजर चलाकर सबूत नष्ट किया गया।
टम्टा ने कहा कि जिस कमरे में अंकिता रहती थी, उसको ही क्यों तोड़ा गया। पहले ये बात प्रचारित की गई कि मुख्यमंत्री के कहने पर बुलडोजर चला। लेकिन जब कांग्रेस ने सवाल उठाया तो डीएम ने कहा कि हमने बुलडोजर चलाने को आदेश नहीं दिया। यदि सरकार के आदेश पर बुलडोजर नहीं चला था तो वह किसके आदेश पर चला था। हम प्रदेश की सरकार से ये सवाल पूछना चाहते हैं।
प्रदीप टम्टा ने कहा कि हर बेटी को आगे बढ़ने का अधिकार है। हर बेटी को नौकरी करने का अधिकार है। लेकिन महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है। सरकर इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। इस मौके पर विधायक मनोज तिवारी, जिला अध्यक्ष पीताम्बर पांडेय, नगर अध्यक्ष पूरन रौतेला, मनोज सतवाल, सिकन्दर पवार, रमेश भाकुनी आदि मौजूद रहे।