ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग की गतिविधि शुरू हो चुकी है। रोमांच से भरपूर इस साहसिक गतिविधि में जोखिम भी जुड़ा रहता है, इसलिए राफ्टिंग के दौरान सुरक्षा मानकों और निर्देशों का पालन करना भी जरूरी है।
बड़ी संख्या में पर्यटक राफ्टिंग के लिए उमड़े हैं। आने वाले समय में पर्यटकों की संख्या में खासी वृद्धि होने का अनुमान लगाया जा रहा है।नवंबर अंत तक गंगा में राफ्टिंग के लिए मौसम अनुकूल रहता है। इसके बाद ठंडक बढ़ जाने पर फरवरी तक राफ्टिंग हल्की हो जाती है। ऐसे में आने वाले दिनों में ऋषिकेश में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
आने वाले वीकेंड और छुट्टियों पर भारी संख्या में पर्यटक ऋषिकेश पहुंच सकते हैं। राफ्टिंग के दौरान जरा सी चूक से पर्यटकों को जान भी जोखिम में पड़ सकती है। इसलिए नीचे दी गई बातों का ध्यान जरूर रखें :
गाइड दिशानिर्देशों का करें पालन
- रिवर राफ्टिंग के दौरान आपका सबसे बड़ा सहारा आपका गाइड होगा।
- इसलिए गाइड के प्रत्येक दिशा-निर्देश को सुनना और उस पर अमल किया जाना चाहिए।
- गाइड की कमांड को फालो करने से आप रिवर राफ्टिंग को और अच्छी तरह से महसूस कर पाएंगे।
- राफ्टिंग की शुरुआत से पहले ही आपको गाइड कई जरूरी बातें बताएगा, जिसे आपको राफ्टिंग के दौरान अच्छी तरह से फालो करना होगा।
- ऐसा करने से बोट का संतुलन पूरी तरह से बना रहता है और आपके सफर को कोई खतरा भी नहीं होता है।
लाइफ जैकेट और हेलमेट का रखें खास खयाल
- राफ्टिंग के दौरान सुरक्षा के लिए लाइफ जैकेट और हेलमेट सही ढंग से पहनना बेहद जरूरी होता है।
- इसकी मदद से राफ्टिंग के दौरान आपको सुरक्षा मिलती है।
- अगर आपकी बोट राफ्टिंग के दौरान पलट जाती है तो हेलमेट आपको चोट लगने से बचाएगा।
- वहीं लाइफ जैकेट पानी में तैरने में आपकी मदद करेगी।
अच्छे से चलाएं पैडल
- एक राफ्ट की क्षमता छह से आठ पर्यटकों की होती है, जिनके साथ एक गाइड रहता है।
- इसलिए पूरी बोट का संचालन पर्यटकों और गाइड के हाथ में ही होता है।
- यही वजह है कि राफ्टिंग के दौरान प्रत्येक व्यक्ति को एक चप्पू (पैडल) भी दिया जाता है।
- यानी की राफ्टिंग एक टीम वर्क के साथ ही बेहतर हो पाती है। इसलिए राफ्टिंग में पैडलिंग का बड़ा महत्व है।
- पैडलिंग की मदद से नाव को बेहतर बहाव मिलता है।
- ऐसे में आपको गाइड के कहने के अनुसार ही चप्पू चलाना चाहिए।
- राफ्टिंग के पहले गाइड आपको बोट का हैंडल पकड़ने और चलाने का सही तरीका बताते हैं।
घबराएं नहीं, धैर्य के साथ करें काम
- पानी के तेज बहाव और लहरों वाले रैपिड पर कई बार बोट पलट जाती है, यह एडवेंचर का ही एक हिस्सा होता है।
- इसमें कई बार सभी सवार या कोई साथी पानी में गिर जाता है।
- ऐसे में अधिकांश पर्यटक घबरा जाते हैं और हड़बड़ी कर बैठते हैं, जिस कारण कई बार दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।
- मगर, आपने यदि सही ढंग से लाइफ जैकेट और हेलेमेट पहना है तो इस स्थिति में घबराने की नहीं बल्कि धैर्य के साथ काम लेने की जरूरत होती है।
- आपका गाइड इतना प्रशिक्षित और अनुभवी होता है कि वह आपको और बोट को जल्द ही रेस्क्यू कर सकता है।
- ऐसी स्थिति में आपको गाइड के दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी है।
राफ्टिंग की साहसिक गतिविधि में यदि सुरक्षा तथा निर्देशों का पालन किया जाए तो यह गतिविधि पूरी तरह से सुरक्षित है। वर्तमान में सभी कंपनियां बेहतर सुरक्षा उपकरण व प्रशिक्षित गाइड के साथ पर्यटकों को राफ्टिंग करा रही हैं। समय-समय पर राफ्ट तथा अन्य उपकरणों की सुरक्षा संबंधी जांच की जाती है।
– धर्मेंद्र सिंह नेगी, राफ्टिंग व्यवसायी व सदस्य जीएनआर
गंगा में 10 सितंबर से राफ्टिंग की गतिविधि आरंभ हो चुकी है। शुरूआती दिनों में ही पर्यटकों का अच्छा रुझान राफ्टिंग के प्रति मिला है। शिवपुरी से क्लब हाउस के बीच कुछ रैपिड ग्रेड-3प्लस के रेपिड हैं, जो राफ्टिंग के लिए कुछ जोखिम भरे होते हैं। जिनमें सेफ्टी क्याक तथा अन्य जरूरी सुरक्षा के साथ ही राफ्टिंग की अनुमति दी गई है।