अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से कराई गई कई भर्ती परीक्षाओं में हुई धांधली से बेरोजगारों में आक्रोश व्याप्त है। बुधवार को प्रदेशभर के हजारों बेरोजगारों ने दून में आक्रोश रैली निकाल सचिवालय कूच किया। इस दौरान उन्होंने भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच की मांग उठाई।
परेड ग्राउंड में एकत्र हुए हजारों बेरोजगारों ने भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच समेत नौ सूत्री मांगों को लेकर जबरदस्त नारेबाजी के साथ सचिवालय कूच किया। हालांकि, सचिवालय पहुंचने से पहले ही पुलिसकर्मियों ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। जिससे बेरोजगार युवा भड़क गए और उनकी पुलिसकर्मियों से नोकझोंक भी हुई। पांच घंटे तक चले हंगामे के बाद बेरोजगार युवाओं ने मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा और शांत हुए।इस मौके पर उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि जहां एक तरफ प्रदेश के मेधावी युवा नौकरियों के लिए यहां-वहां भटक रहे हैं। वहीं राजनीतिज्ञों, अधिकारियों, नकल माफिया से मिलीभगत करके भर्ती परीक्षाओं में धांधली कर नौकरियां बांटी जा रही हैं। यह बहुत बड़ा मामला है और इसकी सीबीआई जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि घोटाले में लिप्त कई सफेेदपोशों के नाम उनके पास हैं। ऐसे में यदि मुख्यमंत्री या फिर घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ उनके नाम सार्वजनिक नही करती है तो बेरोजगार संघ के पदाधिकारी उन नामों का खुलासा करेंगे।
युवा नेता लूशुन टोडरिया ने कहा कि पेपर लीक मामले में एसटीएफ की जांच नाकाफी है। प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए। युवा आंदोलनकारी सजेंद्र कठैत ने कहा कि राज्य सरकार अगर भर्तियों की सीबीआई जांच नहीं कराएगी तो प्रदेश भर के युवा सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। सचिवालय कूच में बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष हृदयेश शाही, गणेश धामी, नरेंद्र रावत, तौलवीर चौहान, प्रदीप कुकरेती, जगमोहन नेगी, प्रेम रावत, गौरव नेगी, ऋषि चौहान आदि मौजूद रहे।
सचिवालय कूच में कई युवतियां पारंपरिक परिधानों में पहुंचीं। इस दौरान युवतियों ने जहां भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की। वहीं राज्य की नौकरियों में महिलाओं के लिए तीस फीसदी आरक्षण लागू करने की मांग की।