भर्ती घपले पर BJP-कांग्रेस में वार-पलटवार, UKSSSC पेपर लीक से लेकर विधानसभा में भर्तियों पर उठे सवाल

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) भर्ती घपले मामले में सीबीआई को केंद्र सरकार का तोता बताने वाली कांग्रेस अब सीबीआई जांच को ही आतुर है। पेपर लीक मामले में एसटीएफ जांच कर रही है तो, विधानसभा में हुई नियुक्तियों की जांच को स्पीकर को भेजा है।

सियासी हल्कों में यह सवाल भी चर्चा का विषय बना हुआ है। आखिर क्या वजह है कि एसटीएफ की ओर से एक के बाद एक गिरफ्तारियां करने के बावजूद कांग्रेस सीबीआई जांच की मांग पर अड़ी है। केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद कई मौके आ चुके हैं, जब कांग्रेस खुले आम सीबीआई को सरकारी तोता बता चुकी है।

सीबीआई जांच के खिलाफ कई बार कांग्रेसी सड़कों पर भी उतर चुके हैं। हाल में दून आई कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अल्का लांबा एक नया नारा भी दे गईं कि, भाजपा के दो-दो भाई- ईडी और सीबीआई। अब सीबीआई जांच की मांग के पीछे क्या कांग्रेस की कोई खास रणनीति तो नहीं है। कांग्रेस का सीबीआई जांच का मुद्दा चर्चा का बिषय बना है।

पेपर लीक का मामला अब दो राज्यों तक फैल गया है। इसलिए राज्य की एसटीएफ ज्यादा प्रभावी ढंग से काम नहीं कर पाएगी। इसलिए जरूरी है कि सीबीआई ही इस मामले की जांच करे। सीबीआई जांच की मांग के साथ-साथ कांग्रेस यह भी कर रही है कि सीबीआई सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में ही जांच करे।
भुवन कापड़ी, उप नेता प्रतिपक्ष

राज्य निर्माण के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ी चोट मुख्यमंत्री धामी ने की है। उन्होंने नैतिक साहस दिखाते हुए भर्ती घपले की एसटीएफ से जांच कराई, तो विधानसभा में हुई नियुक्तियों की जांच को स्पीकर को भेजा है। कांग्रेस सिर्फ दोहरी राजनीति करती है। सीबीआई को केंद्र सरकार का तोता कहने वाले कांग्रेसी अब जांच की मांग को लेकर नौटंकी कर रहे हैं।

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