श्रीलंका की स्थिति को भारत समझता है… चीनी पोत को अनुमति देने पर बोला पड़ोसी मुल्क

श्रीलंका ने चीन के जासूसी पोत युआन वांग- 5 को अपने देश के तट पर पहुंचने की अनुमति को लेकर सफाई दी है। श्रीलंका के पर्यटन मंत्री हरीन फर्नांडो ने शनिवार को उम्मीद जताई कि यह कोई बड़ा कूटनीतिक विवाद नहीं पैदा करेगा क्योंकि भारत इसकी स्थिति को समझता है। श्रीलंका में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अहमदाबाद आए फर्नांडो ने कहा कि चीन ने श्रीलंका में काफी निवेश किया है और अतीत में उसकी जरूरतों को समझा है।

भारतीय अधकारियों ने पोत की जासूसी क्षमताओं और इसकी यात्रा के उद्देश्यों पर भी चिंता जताई है। आगंतुक मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘श्रीलंका एक छोटा देश है और उसके हर किसी से अच्छे संबंध हैं। मैं आश्वस्त हूं कि भारत इस बात का समझता है। भारत के साथ हमारे बहुत अच्छे कूटनीतिक संबंध हैं।’ उल्लेखनीय है कि भारतीय अधिकारी इस पोत को दोहरा उपयोग वाला मानते हैं।

भारत से संपर्क में हैं

फर्नांडो ने कहा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और इसके विदेश मंत्री निरंतर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वे हमारी स्थिति को समझते हैं। श्रीलंका में चीन के लोगों ने काफी निवेश किया है और उन्होंने अतीत में भी हमारी जरूरतों को समझा है। इसलिए मैं उम्मीद करता हूं कि यह कोई बड़ा कूटनीतिक विवाद नहीं पैदा करेगा।

ट्रैकिंग सिस्टम से लैस है चीन का पोत

चीनी बैलिस्टिक और सैटेलाइट ट्रैकिंग पोत श्रीलंका के दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा पर आया है और वह चीन संचालित बंदरगाह पर 22 अगस्त तक रूकेगा। शुरू में श्रीलंका ने इस पोत को अपने पोर्ट पर रुकने की अनुमति देने के लिए टाल मटोल किया था लेकिन अंत में उसने हामी भर दी और जहाज हंबनटोटा पहुंच गया। वहीं, हंबनटोटा में चीन पोत को रोकने को लेकर भारत ने आपत्ति जताई थी।

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