सरकारी स्कूलों में जाड़ों की छुट्टियों के बाद सोमवार से पढ़ाई शुरू हो गई। लेकिन, पहले ही दिन 30% बच्चे भी ऑनलाइन क्लास से नहीं जुड़े। इससे स्कूलों की चिंता बढ़ गई है। क्योंकि, पिछले सत्र में भी ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान 60% से ऊपर बच्चे नहीं जुड़ पाए थे। जबकि, यहां ऑफलाइन क्लास के दौरान बामुश्किल बच्चों की हाजिरी 90 प्रतिशत तक हो पाई थी।
लंबे समय बाद ऑफलाइन पढ़ाई के लिए बच्चे धीरे-धीरे ढलने लगे थे। 90-92 प्रतिशत तक हाजिरी भी लग रही थी। पर, कोरोना ने सरकारी स्कूलों में एक बार फिर संकट पैदा कर दिया है। सोमवार से दोबारा ऑनलाइन क्लास शुरू होने पर पहले की ही तरह बच्चों की हाजिरी बेहद कम रही। 30% से कम बच्चे ऑनलाइन क्लास से जुड़े।
टैबलेट का पैसा सबको नहीं मिला: बोर्ड परीक्षा से पहले छात्रों को टैबलेट देने का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। केवल 40 से 50 प्रतिशत बच्चों को ही पैसा मिला है। इनमें से भी 30% बच्चे टैबलेट खरीद पाए हैं। जिन्होंने खरीदा भी है, उनमें से भी आधे बच्चों के पास इंटरनेट या वाई-फाई सुविधा नहीं है। जबकि, मार्च में दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं संभावित हैं।पिछले सत्र में भी 60 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे ऑनलाइन नहीं जुड़ पाए थे। जबकि, ऑफलाइन में काफी मशक्कत के बाद हमने उपस्थिति 90 से 95 प्रतिशत तक कर दी थी। अब एक बार फिर ऑनलाइन क्लास शुरू हो गई है तो बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ना लाजिमी है। क्योंकि, सरकारी स्कूलों के ज्यादातर बच्चों के पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए साधन
नहीं हैं।