दिवंगत सीडीएस बिपिन रावत के छोटे भाई कर्नल विजय रावत ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की मौजदूगी में कर्नल विजय रावत ने भाजपा कार्यालय में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। राजनैतिक सूत्रों की मानें तो, बीजेपी कर्नल रावत को उत्तराखंड चुनाव 2022 में एक मौका दे सकती है। वजह भी साफ है कि बीजेपी हाईकमान सीटिंग विधायकों के कार्यों से नाखुश होकर उनका टिकट काटने के मूड में हैं। ऐसे में कर्नल विजय रावत के भाजपा ज्वाइन करने के बाद चुनाव लड़ने की अटकलें भी तेज हो गईं हैं।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव-2022 के लिए 14 फरवरी को मतदान होगा। कर्नल रावत ने भाजपा ज्वाइन करने से पहले बुधवार दोपहर को सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकता की थी। उनका कहना था कि उनके परिवर और भाजपा की विचारधारा बहुत मिलती है। ऐसे में वह बीजेपी ज्वाइन कर जनता की सेवा करना चाहते हैं। अगर पार्टी की मंजूरी मिलती है तो वह आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
बता दें कि दिवंगत सीडीएस रावत उत्तराखंड में काफी एक्टिव थे। गत दो वर्ष पूर्व जब वह केदारनाथ व गंगोत्री धाम के दर्शन करने के बाद 19 सितंबर 2019 को पत्नी संग बतौर सीडीएस उत्तरकाशी के डुंडा ब्लॉक के स्थित अपने ननिहाल थाती गांव पहुंचे और गांव के हर ग्रामीण से बड़ी आत्मीयता मिले, तो गांव का हर व्यक्ति उन्हें अपने बीच में पाकर गौरवान्वित महसूस किया था।
इस दौरान, ग्रामीणो की परेशानियों को सुन व देखकर उनके मन में भी यहां के लोगों के लिए कुछ करने टीस भी दिखाई दे रही थी। उन्होंने कहा था कि वे यहां के लिए कुछ करना चाहते हैं। उन्होंने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा था कि पहाड़ो से पलायन सबसे बड़ी चिंता है। जिसके लिए वह समय-समय पर केन्द्र व राज्य सरकार से उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने की बात करते रहते हैं।
उन्होंने कहा था कि पहाड़ो में जब मेडिकल कालेज, इंजीनियरिंग कालेज खुलेंगे तो यहां के युवा पलायान नही करेंगे। जिसके लिए उन्होंने वादा किया था कि रिटायरमेंट के बाद वे दोबारा यहां आयेंगे और पलायन के दंश से बेहाल पहाड़ के गांवों को फिर से आबाद करने की पहल करेंगे। उत्तराखंड दौरे के दौरान, हमेशा से ही दिवंगत सीडीएस रावत पहाड़ की समस्याओं को दूर करने की बात कहते थे।
2021 में 8 दिसंबर को एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिकाऔर 12 अन्य की मौत हो गई थी।तमिलनाडु के कुन्नूर में हादसा हुआ था। हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह एकमात्र जिंदा बचे थे, जिनका निधन भी 15 दिसंबर को हो गया।