उत्तराखंड रोडवेज में फिर से वेतन संकट गहराने लगा है। कर्मचारियों को अभी तक दिसंबर माह का वेतन नहीं मिल पाया। कर्मचारी प्रबंधन पर वेतन देने का दबाव बना रहे हैं। ठंड के साथ ही कोरोना का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में यात्री सार्वजनिक वाहनों में सफर करने से बच रहे हैं। रोडवेज की बसों में यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है।
कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद बाद तीसरी लहर में वेतन संकट गहराने लगा है। पिछले एक महीने से रोडवेज की रोजाना आय निरंतर कम हो रही है। पहले आय दो करोड़ रुपये रोजाना पहुंच गई थी, जो अब घटकर एक करोड़ 10 लाख रुपये तक पहुंच गई है। जनवरी खत्म होने वाला है, लेकिन अभी तक कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया। रोडवेज में सात हजार कर्मचारी कार्यरत हैं।
आय दो करोड़ रोजाना से घटकर एक करोड़ दस लाख पहुंच गई। इसमें 90 लाख रुपये डीजल पर ही खर्च हो जाता है। आर्थिक संकट चल रहा है। दिसंबर के वेतन की व्यवस्था की जा रही है।