विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 14 फरवरी को हुई वोटिंग के बाद तीसरे दिन बुधवार को भी यातायात व्यवस्था पटरी पर नहीं उतर सकी। जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि केएमओयू की कुछ बसों के संचालन से यात्रियों ने राहत की सांस ली। दरअसल चुनावों में लगी पार्टियों को लाने ले जाने के लिए प्रशासन की ओर से रोडवेज समेत केएमओयू, टैक्सी वाहनों का अधिग्रहण किया गया था।
जिससे इन दिनों यात्रियों को समय पर वाहन नहीं मिल पा रहे थे। इधर अब मतदान के तीसरे दिन बुधवार को भी यातायात व्यवस्था पटरी पर नहीं उतर सकी। जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं रोडवेज की नियमित 20 सेवाओं में से 16 मार्गों में बसों का संचालन बाधित रहा। जिससे खासरक लंबी दूरी वाले यात्री परेशान रहे।
बस अड्डे पर घंटों इंतजार करने के बाद मिल रही बसें
चुनाव के बाद अब रोडवेज की बसों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या फिर से बढ़ गई है। जबकि चुनाव ड्यूटी में लगी रोडवेज की आधी बसें ही अभी लौट पाई हैं। ऐसे में बसों की संख्या कम होने से यात्रियों के सामने परेशानी खड़ी हो रही है। जिससे कई-कई घंटें बस अड्डे पर यात्रियों को इंतजार करना पड़ रहा है।
बुधवार को माघ पूर्णिमा के स्नान होने के चलते हरिद्वार में काफी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने पहुंचे। जिससे बस अड्डे पर यात्रियों की भीड़ लगी रही। जबकि मतदान के बाद से लगातार बस अड्डे पर यात्रियों की संख्या बढ़ गई है। लेकिन बसों के चुनाव ड्यूटी में होने के कारण घंटों तक यात्रियों को इंतजार करना पड़ रहा है। उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) के हरिद्वार डिपो से 55 बसें चुनाव ड्यूटी में भेजी गई थी।
जिनमें से करीब 25 बसें मतदान के बाद वापस लौट आई हैं। लेकिन अभी आधी बसें नहीं आ पाई हैं। जिससे यात्रियों को बसों के लिए इंतजार में घंटों-घंटों बस अड्डे पर बैठना पड़ रहा है। बुधवार हरिद्वार बस अड्डे पर सुबह 11:30 बजे यात्री काफी संख्या में निकासीद्वार के पास बस के इंतजार में खड़े हुए थे।
जबकि अंदर परिसर में बेंचों पर बैठकर भी यात्री बसों के आने का इंतजार कर रहे थे। जबकि हरिद्वार डिपो की करीब 10 बसें ही बस अड्डे पर मौजूद थी। लेकिन इनमें दूसरे रूटों की बसें थी। जिस कारण अन्य रूटों के यात्री बसों के आने का इंतजार करते रहे।
इन रूटों पर रही ज्यादा परेशानी
दिल्ली, मुरादाबाद, हल्द्वानी, देहरादून, बरेली, पंजाब सहित कई रूटों पर बसों की संख्या कम होने के कारण परेशानी बनी रही।
चुनाव ड्यूटी से आधी बसें लौट आई हैं। जबकि एक से दो दिन में अन्य सभी बसें वापस आ जाएंगी। फिलहाल सभी बसों को रूटों पर लगा दिया गया है।