रोडवेज, प्राइवेट, बस-टैक्सी को किराया बढोत्तरी के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद ही किराया वृद्धि पर फैसला हो पाएगा। वर्तमान में लागू आचार संहिता और 10 मार्च को मतगणना को देखते हुए किराया संशोधन समिति ने भी प्रक्रिया को धीमा कर दिया है। इस समिति का गठन राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने 23 अक्टूबर 2021 को किया था।
राज्य में निजी परिवहन आपरेटर पिछले एक साल से किराया बढोत्तरी की मांग करते आ रहे हैं। डीजल के दामों में पिछले दो साल में हुई बढोत्तरी की वजह से परिवहन आपरेटर सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं।हालांकि एसटीए की किराया संशोधन कमेटी ने किराया बढोत्तरी एक फौरी प्रस्ताव तैयार किया था।
लेकिन पिछले साल 23 अक्टूबर की बैठक में उस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया। इस कमेटी का पुनर्गठन करते हुए नए सिरे से संशोधित किराया दरें तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार नई सरकार के गठन के बाद एसटीए का भी नए सिरे से पुनर्गठन हो सकता है। इसके जनप्रतिनिधि कोटे से एक सदस्य पिछले दिनों इस्तीफा दे चुके हैं।
हालांकि किराये पर अंतिम निर्णय एसटीए ने ही लेना है, लेकिन एसटीए सरकार का मूड भांपते हुए ही आगे कदम बढ़ाएगी। संपर्क करने पर एसटीए के सचिव सनत कुमार सिंह ने बताया कि किराया संशोधन समिति की रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। एसटीएस की भविष्य में होने वाली बैठक में इस पर विचार किया जाएगा।