NRI राज भट्ट को सता रही देश की चिंता, अपने खर्च पर छात्रों के लिए लंदन से भेजीं टीचर्स

अपनी जन्मभूमि और वहां के लोगों के लिए प्रेम पर बखान करने वालों के कई उदाहरण मिल जाते हैं लेकिन विदेश में रहकर अपने मुल्क और वहां बच्चों के भविष्य की बेहतरी के लिए कुछ करने की चाह रखने वाले कुछ विरले ही होते हैं। इनमें से एक हैं प्रवासी भारतीय सीमांत के राज भट्ट। अपने मुल्क के स्कूली बच्चों को अंग्रेजी में दक्ष बनाने और उनका भविष्य संवारने की चाहत उनके अंदर लंदन में भी बरकरार रही।

बच्चों को अंग्रेजी में दक्ष बनाने के लिए उन्होंने दो ब्रिटिश शिक्षिकाओं को मुनस्यारी भेजा है। प्रवासी भारतीय राज भट्ट ने सीमांत के बच्चों को अंग्रेजी विषय में दक्ष बनाने के लिए तीन माह पूर्व लंदन से दो ब्रिटिश शिक्षिकाओं कैटलिन थे गेरी और लिबर्टी एलेक्जेंडर कैथरीन को पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी भेजा है। यहां पहुंचकर दोनों शिक्षिकाओं ने विवेकानंद विद्या मंदिर के बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाना शुरू किया।

तब से दोनों शिक्षिकाएं नियमित रूप से बच्चों को अंग्रेजी में पारंगत करने में जुटी हैं। यहां पढ़ने वाले बच्चे महज तीन माह में फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने लगे हैं। राज भट्ट का कहना है आज के दौर में अंग्रेजी का ज्ञान महत्वपूर्ण है। सीमांत के बच्चों को भविष्य संवारने में इसकी कमी न खले, इस उद्देश्य से उन्होंने दो शिक्षिकाओं को लंदन से यहां भेजा है।

बच्चों को व्यक्तित्व विकास के गुर भी सिखा रहीं हैं 

अंग्रेजी के साथ ही विदेशी शिक्षिकाएं बच्चों को व्यक्तित्व विकास के गुर भी सिखा रही हैं। दोनों ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि भविष्य निर्माण के लिए ज्ञान के साथ ही स्किल डेवलपमेंट भी बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चे भविष्य में किसी भी क्षेत्र में पीछे न रहें, इसी उद्देश्य से वे उन्हें तैयार कर रही हैं।

राज भट्ट ने 12 से अधिक स्कूलों और 36 से अधिक बच्चों को लिया है गोद

मूल रूप से चम्पावत जिले के राज भट्ट भट्ट ने लंदन को अपनी कर्मस्थली बनाया है, लेकिन मुनस्यारी से उनका बेहद लगाव है। यहां के बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए उन्होंने खासा प्रयास किया है। उन्होंने यहां के 12 स्कूलों और 36 से अधिक बच्चों को गोद लिया है। इसके अलावा क्षेत्र के अन्य 12 से अधिक स्कूलों को वे हर साल यहां पहुंचकर वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। यहां तक कि दोनों विदेशी शिक्षिकाओं का पूरा खर्च भी भट्ट वहन कर रहे हैं।

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