वादा हर महीने प्रोत्साहन भत्ते का और दिया सिर्फ मानदेय, उपनल कर्मचारियों पर पड़ रही अधूरे होमवर्क की मार

सैनिक कल्याण विभाग के आधे अधूरे होमवर्क की वजह से उपनल कर्मचारियों को तिमाही के बजाए हर महीने प्रोत्साहन भत्ता देने का फैसला अटक गया। उपनल कर्मचारियों को हर महीने भत्ता देने का आदेश तो कर दिया गया लेकिन इसमें ईएसआई कटौती को भूल गए। नतीजा यह हुआ है कि उपनल कर्मचारियों को न तो जनवरी का ही प्रोत्साहन भत्ता मिला और आदेश संशोधित होने तक आगे भी मिलना मुश्किल है।

व्यवस्था:कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए उनके मानदेय से करीब चार प्रतिशत राशि ईएसआई के रूप में कटौती होती है। यह कटौती मासिक वेतन मानदेय पर होती है। तीन महीने और इससे अधिक अवधि पर दिए जाने वाले प्रोत्साहन भत्ता, बोनस आदि पर यह कटौती लागू नहीं होती।

दिसंबर 2021 तक उपनल कर्मियों को हर तीसरे महीने 2800 रुपये प्रोत्साहन भत्ता मिलता था। सरकार ने 10 साल से कम नौकरी वाले कार्मिकों का भत्ता बढ़ाकर 4800 और 10 साल से अधिक सेवा वालों का प्रोत्साहन भत्ता 5800 रुपये कर दिया।

व्यवधान:छह जनवरी 2022 को प्रमुख सचिव-सैनिक कल्याण एल.फैनई ने हर माह प्रोत्साहन भत्ते की व्यवस्था लागू कर दी। ईएसआई के 4% में 3.25% अंश मुख्य नियोक्ता का अदा करना होता है। पौन फीसद कर्मचारी को। प्रोत्साहन भत्ते की राशि तो सरकार ने बढ़ा दी लेकिन ईएसआई कटौती तय नहीं की।

यदि उपनल ईएसआई का चार प्रतिशत अदा नहीं करता तो उसे भविष्य में बड़े जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। और यदि करता है तो उसे खुद बड़ा आर्थिक बोझ उठाना पड़ेगा। इसे देखते हुए प्रोत्साहन राशि के बिना ही मानदेय जारी किया जा रहा है।

समाधान:बिना प्रोत्साहन राशि के वेतन मिलने पर कर्मचारियों ने उपनल प्रबंधन से आपत्ति करना शुरू किया है। इसका समाधान निकालने के लिए उपनल प्रबंधन ईएसआई अधिकारियों के साथ दो बार बैठकें कर चुका है। ईएसआई ने साफ कह दिया है कि मानक के अनुसार प्रति माह के मानदेय पर चार प्रतिशत कटौती होनी ही है।इस राशि पर कोई रियायत नहीं दी जा सकती। उपनल ने नए सिरे से सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा है। इसके तहत उपनल कर्मियों के मुख्य नियोक्ता के लिए कुल मानदेय पर पौने चार प्रतिशत राशि अतिरिक्त और देने के लिए कहा जाएगा

उपनल कर्मियों के मामले में सरकार और सिस्टम का रवैया उदासीन रहा है। हर महीने बढ़ा वेतन मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अब यह पेंच आ गया है। इस विषय पर पहले ही होमवर्क किया जाना चाहिए था।
विद्यासागर धस्माना, कार्यकारी अध्यक्ष-उपनल कर्मचारी महासंघ

समस्या का हल निकाल रहे हैं। शासन को नया प्रस्ताव भेजा है। संशोधित आदेश जारी होने पर समाधान हो जाएगा। कर्मचारी आश्वस्त रहे, विलंब होता है तो उनका पूरी राशि एकमुश्त अदा कराई जाएगी।

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