उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के बृहस्पतिवार को जारी मतगणना में 34 सीटों पर जीत और 13 अन्य पर बढ़त के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का इतिहास रचने की कगार पर है। राज्य की 70 विधानसभा सीटों में से 48 पर चुनावी नतीजे घोषित हो चुके हैं जिनमें से 34 सीटें सत्ताधारी भाजपा के पक्ष में गए हैं। हालांकि की प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हार का सामना करना पड़ा है। धामी की हार के साथ उत्तराखंड में मुख्यमंत्रियों की हार का सिलसिला भी जारी रहा।
उत्तराखंड में 2012 से अब तक मुख्यमंत्री अपनी विधानसभा सीट बचाने में नाकाम रहे हैं। सबसे पहले 2012 में भुवन चंद्र खंडूरी, फिर 2017 में हरीश रावत और अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी विधानसभा सीट को नहीं बचा पाए। धामी की हार के यह चर्चा भी तेज हो गई है कि उत्तराखंड में अब भाजपा का सीएम पद का चेहरा कौन होगा। आपको बता दें कि विधानसभा शुरू होने से छह महीने पहले भाजपा ने सीएम बदल कर पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया था।
दरआसर, खटीमा विधानसभा सीट से सीएम पुष्कर सिंह धामी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी ने सीएम को 6579 वोटों से हराया है। भुवन युवा नेता हैं और उत्तराखंड के कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। युवाओं के बीच लोकप्रिय भुवन चंद कापड़ी उत्तराखंड यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस में जनरल सेक्रेटरी के पद पर भी रह चुके हैं। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में पुष्कर सिंह धामी को कड़ी टक्कर दी थी लेकिन महज 2709 वोट से हारे गए थे।
धामी की हार की मुख्य वजहें
– किसान आंदोलन
– जातीय समीकरण में फेल
– चनुाव में नामांकन के बाद चार बार ही आए खटीमा
– दूसरी विधानसभा सीटों पर फोकस
– प्रचार को प्रदेशभर में भ्रमण
खटीमा फाइनल राउंड
भुवन कापड़ी, कांग्रेस- 48177
पुष्कर सिंह धामी, बीजेपी- 41598
रमेश राणा, बीएसपी- 937
आसिफ मिया, एआईएमआईएम- 80
राजेश, भारतीय सुभाष सेना- 121
विजय पालख, सपा- 80
एसएस कलेर, आप- 764
बाबू राम निर्दली- 437
नोटा- 656