आचार संहिता से पहले हुए शिक्षकों के बंपर तबादलों पर भी सरकार के निर्णय का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। छह सौ से ज्यादा शिक्षकों का तबादले करने के बाद सरकार ने उन पर आचार संहिता तक अमल पर रोक लगा दी थी। अब आचार संहिता खत्म हो चुकी है। ऐसे में सरकार को इन तबादलों पर अपना रुख दोबारा से साफ करना होगा।।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह विषय काफी संवेदनशील है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में भी वर्ष 2017 में बड़े पैमाने पर तबादले किए गए थे। वे तबादले पूरे पांच साल सरकार के गले की फांस बने रहे। इस बार भी सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में उसी अंदाज में बेशुमार तबादले किए। और बाद में आचार संहिता के आधार पर रोक भी लगा दी।
उनका कहना है कि यदि सरकार इन्हें रदद या स्थगित करती है तो फिर नए कोर्ट केस शुरू हो जाएंगे। तबादला आदेश को बहाल करने भी पर व्यवस्था प्रभावित होना भी तय है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में नई सरकार का गठन होने पर सरकार के सामने निर्णय के लिए ले जाया जाएगा।