कांग्रेस में हार पर रार! अध्यक्ष-नेता प्रतिपक्ष के चयन में देरी पर जानिए क्या बोले पूर्व सीएम हरीश रावत?

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के चयन में देरी को पूर्व सीएम हरीश रावत गलत नहीं मानते। बकौल रावत, यह अच्छी बात है कि हाईकमान इस विषय पर ज्यादा समय ले रहा है। जल्दबाजी में लिए गए फैसले कई बार अनूकूल नतीजे नहीं देते। इन दोनों पदों पर हाईकमान का फैसला कांग्रेस के लिए आगे पांच साल को भी प्रभावित करेगा।

शनिवार को हिन्दुस्तान से बातचीत में रावत ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के चयन के लिए वो खुद भी हाईकमान के फैसले का टकटकी लगाए इंतजार कर रहे हैं। मालूम हो कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का पद 15 मार्च से खाली है। हाईकमान के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इस्तीफा दे चुके हैं। नई विधानसभा के साथ ही कांग्रेस का नेता प्रतिपक्ष का पद भी निष्प्रभावी हो चुका है।

पार्टी के दोनों शीर्ष पदों पर चयन में लगातार हो रही देरी से उत्तराखंड में कांग्रेस संगठनात्मक रूप से पटरी से उतरी हुई है। स्थिति यह है कि हाईकमान द्वारा तय महंगाई मुक्त भारत अभियान के तहत सात अप्रैल को राज्य मुख्यालय पर होने वाले विरोध प्रदर्शन करना भी कांग्रेस भूल गई। रावत ने कहा कि कई बार जल्दबाजी में दूरगामी फैसले नहीं हो पाते। इसलिए जरूरी है कि हर पहलू का अध्ययन किया जाए। राज्य के राजनीतिक माहौल के अनुसार भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए ही निर्णय होना चाहिए।

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