उत्तराखंड में आम जनता को नियमित बिजली सप्लाई के लिए 12 रुपये प्रति यूनिट की दर से बाजार से बिजली खरीदनी पड़ रही है। यही बिजली आम जनता को तीन से पांच रुपये के बीच सप्लाई करनी पड़ रही है। इसके बाद भी बिजली संकट बना हुआ है।
अभी ये बिजली संकट स्टील उद्योग और ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित है। राज्य की बिजली मांग और उपलब्धता में अभी भी 11 मिलियन यूनिट का अंतर है। बिजली बढ़ने के साथ ही मांग 42 मिलियन यूनिट को पार कर गई है। जबकि आमतौर पर ये मांग मई के महीने में बढ़ती थी।
इसकी तुलना में बिजली की उपलब्धता अभी भी 31 मिलियन यूनिट के करीब है। राज्य के स्रोतों से अभी बिजली उत्पादन बढ़ नहीं रहा है। ये 13.5 मिलियन यूनिट तक ही सीमित है। गैस, कोयले से जुड़े पॉवर प्लांटों से पर्याप्त बिजली नहीं बन रही है। इसके कारण बाजार में बिजली के रेट अधिकतम स्तर पर पहुंच गए हैं।
इसके बाद भी यूपीसीएल मैनेजमेंट सप्लाई को सामान्य बनाने को महंगी दरों पर भी बिजली खरीदने से परहेज नहीं कर रहा है। प्रतिदिन 12 रुपये प्रति यूनिट तक भी बिजली खरीदी जा रही है। जबकि इसी 12 रुपये प्रति यूनिट बिजली की वसूली यूपीसीएल आम जनता से तीन से पांच रुपये प्रति यूनिट के बीच करेगा।
इसके बाद भी राज्य में बिजली संकट दूर नहीं हो पा रहा है। सोमवार को भी कुछ समय स्टील उद्योगों और कुछ समय ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कटौती रही। मंगलवार को भी बिजली कटौती की यही स्थिति बनी रहेगी।
एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार ने बताया कि स्थिति को सामान्य बनाए जाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। जनता को कटौती से जूझने नहीं दिया जा रहा है।