उत्तराखंड के दूर दराज क्षेत्रों से गंभीर मरीजों को आपात स्थिति में अस्पताल पहुंचाने के लिए हेली सेवा की सुविधा शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने एक निजी कंपनी के साथ इसके लिए करार किया है। अभी सामान्य हेलीकॉप्टर ही इस सेवा में शामिल किए गए हैं।
डीएम, सीएमओ की संस्तुति के बाद आपात स्थिति में केवल गंभीर मरीजों को यह सुविधा दी जाएगी। लेकिन धीरे धीरे इसे मजबूत किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने शनिवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि राज्य में मरीजों को बेहतर और तत्काल स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने पर फोकस किया जा रहा है।
दुर्घटना या गंभीर स्थिति में किसी मरीज को अस्पताल पहुंचने में ज्यादा समय न लगे इसके लिए हेली सेवा शुरू कर दी गई है। अभी तक राज्य के 53 मरीजों को इस सेवा के जरिए अस्पतालों तक पहुंचाया भी जा चुका है। उन्होंने कहा कि अभी इस सेवा को और मजबूत किया जाएगा और प्रापर हेली एम्बुलेंस की सुविधा विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि जिला और उप जिला अस्पतालों को चार महीनों में दुरुस्त करने का लक्ष्य रखा गया है। उसके बाद इन अस्पतालों को इलाज के नाम पर मरीजों को रेफर नहीं किया जाएगा। राज्य के हर अस्पताल में मरीजों को निशुल्क इलाज, दवा और जांच की सुविधा दी जा रही है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने और घर ले जाने के लिए भी निशुल्क सुविधा है।
पहाड़ पर तैनात होंगे विशेषज्ञ डॉक्टर
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में अभी विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी बनी हुई है। इस कमी को दूर करने के लिए एनएचएम के तहत विशेषज्ञ डॉक्टर हायर करने का निर्णय लिया गया है। डॉक्टरों से उनकी जरूरत के अनुसार वेतन देकर एक तय समय के लिए नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया है।उन्होंने कहा कि राज्य में एमबीबीएस डॉक्टर काफी संख्या में हैं लेकिन अभी विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। इस कमी को जल्द से जल्द दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।