उत्तराखंड कांग्रेस में विधायकों की नाराजगी और गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह सहित 11 विधायकों की गैरहाजिरी, गढ़वाल की उपेक्षा के तंज और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की नाराजगी के बीच कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने रविवार को कार्यभार ग्रहण किया।
राजीव भवन में दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक चले समारोह में कई बार असहज करने वाले असहज क्षण आए। और अंत में भी माहरा को पूर्व अध्यक्ष गोदियाल की अनुपस्थिति में कार्यभार ग्रहण करने की औपचारिकता पूरी करनी पड़ी। माहरा और हरीश रावत ने फोनकर गोदियाल से आने का अनुरोध किया लेकिन तब तक वो काफी दूर जा चुके थे।
आज माहरा ने नए अध्यक्ष के रूप में कड़े तेवर भी दिखाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और विधायक दल के उपनेता के पद पर नियुक्ति में गढ़वाल की उपेक्षा की भरपाई की जाएगी। माहरा ने मंच पर बैठे सभी शीर्ष नेताओं के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं सबसे छोटा हूं।
उम्मीद है सभी लोग मिलकर मुझे सहयोग देंगे। 35 मिनट के धाराप्रवाह भाषण में माहरा ने कहा कि गढ़वाल की उपेक्षा की बात आई है तो उसकी भरपाई की जाएगी। मैं खुद गढ़वाल के गांव गांव जाकर रहूंगा। जो भी लोग रूखा सूखा देंगे, उसे खा लूंगा। लेकिन संगठन की पहली बूथ कमेटियां गढ़वाल से ही बनाई जाएंगी। सोशल मीडिया में हो रही गुटबाजी पर भी माहरा ने कड़े तेवर दिखाए।
कहा इसे बर्दास्त न किया जाएगा। भाजपा पर हमला बोलते हुए करन ने कहा कि यह मामूली लड़ाई नहीं है। इसके लिए काफी कुर्बानियां देनी होंगी। भाजपा की वजह से देश की गंगा जमुनी तहजीब खतरे में पड़ रही है। गांधी के हत्यारों की जयजयकार करने वालों की पार्टी को शासन करते देख दुख होता है।
कहा कि कांग्रेस ने डिग्री कालेज, संस्थान, स्कूल खोले। इन्होंने शिशु मंदिर खोले हैं जहां प्रणाम करना तो सिखाया जाता है लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता नहीं होती। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि जब जब कांग्रेस एकजुट होती है तब उसे कोई नहीं हरा सकता।
फिरकापरस्त ताकतों को हराने के लिए एकजुट होना होगा। उन्होंने वादा किया कि कांग्रेस को मित्र विपक्ष नहीं बनने दिया जाएगा। कांग्रेस की सड़क से सदन तक जनता की आवाज उठाएगी। पूर्व सीएम हरीश रावत, राज्य प्रभारी देवेंद्र यादव, पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल, राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन, आदि ने भी विचार रखे।
प्रभारी का रावत पर तंज, कहा-गढ़वाल उपेक्षित न रहेगा
प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने गोदियाल और रावत की बातों का जवाब दिया। कहा कि एक वक्त प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी गढ़वाल से थे। तब भी आप हमारे शीर्ष नेता थे। तब ऐसी बात नहीं आई। बरहाल, इस संतुलन को ठीक किया जाएगा। गढ़वाल के नेताओं को उनकी उपयोगिता के अनुसार संगठन में महत्वपूर्ण पद दिए जाएंगे। प्रभारी ने सोशल मीडिया पर गुटबाजी पर गहरी चिंता जताते हुए प्रदेश अध्यक्ष को ठोस कदम उठाने की सलाह भी दी।
केवल 8 विधायक ही आए समारेाह
समारोह में केवल यशपाल आर्य, भुवन कापड़ी, अनुपमा रावत, आदेश चौहान, सुमित ह्दयेश, मनोज तिवारी, रवि बहादुर, वीरेंद्र जाति ही शामिल हुए। पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, राजेंद्र भंडारी, मदन बिष्ट, हरीश धामी समेत बाकी 11 विधायक नहीं आए। सूत्रों के अनुसा राजेंद्र भंडारी, मदन बिष्ट, विक्रम सिंह नेगी दून में ही थे।
जबकि हरीश धामी पहले ही पिथौरागढ़ लौट गए। हालांकि प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि चकराता क्षेत्र में सड़क हादसे की वजह से प्रीतम सिंह को वहां जाना पड़ा है। इसी प्रकार हरिद्वार में दो समुदाय के बीच हुए विवाद के कारण विधायक नहीं आ पाए। इसे नाराजगी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
मंच पर भीड़ न थमी तो भिड़ गए सारस्वत
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के कार्यभार ग्रहण समारोह में अव्यवस्थाओं की वजह से बार बार रंग में भंग होता रहा। माहरा, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से मिलने और गुलदस्ते देने के लिए मंच पर उमड़ती भीड़ के कारण कई बार कार्यक्रम बाधित हुआ।
एक बार नौबत यह आ गई कि मंच संचालन कर रहे पूर्व महामंत्री-संगठन विजय सारस्वत माइक छोड़कर भीड़ से भिड़ गए। माहरा ने बामुश्किल सारस्वत को संभाला। मंच पर लगी भीड़ को रोकने की कोशिश कर रहे सेवादल कार्यकर्ताओं के साथ महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला की भी नोंकझोक हुई। यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर को भी नाराज होकर मंच से नीचे उतरना पड़ा।