केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) की टर्म-2 परीक्षा 26 अप्रैल से शुरू होने जा रही है। इसमें देशभर के सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के करीब 36 लाख छात्र पंजीकृत हैं। बोर्ड परीक्षा और रिजल्ट से पहले होने वाले तनाव, चिंता और घबराहट को दूर करने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने परीक्षा पर्व 4.0 की शुरुआत की है।
आयोग ने इस बार ‘संवेदना’ नाम से पहल की है। इसके जरिए देशभर के बेहतरीन काउंसलर टेली काउंसलिंग सेवा के माध्यम से परीक्षार्थियों का तनाव दूर करेंगे। सीबीएसई के डायरेक्टर (एकेडमिक्स) डॉ. जोसेफ इमेनुअल ने बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को सर्कुलर जारी किया है।
इसमें उन्होंने बताया है कि एनसीपीसीआर 2019 से परीक्षा पर्व मना रहा है। इसका मकसद परीक्षा के समय परीक्षार्थियों को होने वाले तनाव और चिंता को दूर करना है। इस साल ‘परीक्षा पर्व’ 31 मई तक आयोजित किया जा रहा है। तनावपूर्ण समय में विचारों के बारे में बात करने और साझा करने से छात्रों को काफी हद तक मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया कि परीक्षा पर्व 4.0 में कई बहुआयामी दृष्टिकोण शामिल किए गए हैं। इनमें सबसे पहला ‘परीक्षा योद्धा’ गतिविधि है, जो परीक्षा या परिणाम से संबंधित तनाव और चिंता को ऑडियो-वीडियो संदेशों के माध्यम से कम करती है। इसके अलावा विविध भारत (राष्ट्रीय), ऑल इंडिया रेडियो जैसे रेडियो प्रसारण भी शामिल हैं।