हार पर रार! कांग्रेस के लिए उत्तराखंड में अगले आठ महीने संवेदनशील, यह है वजह

प्रदेश में विधानसभा चुनाव की हार और पार्टी हाईकमान के बदलाव के फैसले से उपजा असंतोष कांग्रेस की भावी सियासत के लिए काफी गहरे संकेत दे रहा है। यह पहला मौका है जब कांग्रेस हाईकमान और प्रदेश प्रभारी के फैसलों व भूमिका पर खुलकर सवाल उठाए गए हैं। कार्रवाई की चेतावनी के बाद भी बयानबाजी पर रोक नहीं लग पा रही है। विधानसभा चुनाव में अच्छी मेहनत करने के बावजूद इस्तीफा लिए जाने से पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल काफी नाराज हैं।

दूसरी तरफ, नेता प्रतिपक्ष पद के सबसे प्रबल दावेदार प्रीतम सिंह भी खुश नहीं है। खासकर हाईकमान द्वारा उन पर गुटबाजी का आरोप लगाने से भी प्रीतम बेहद कुपित हैं। साथ ही विधायक राजेंद्र भंडारी, मदन बिष्ट, हरीश धामी का गुस्सा भी सामने आ चुका है। सभी वरिष्ठ नेताओं को लगता है कि पार्टी हाईकमान और प्रदेश प्रभारी के स्तर पर उनके साथ लगातार नाइंसाफी हो रही है।

प्रभारी की छुट्टी संभव! : पार्टी में बढ़ते असंतोष को देखते हुए हाईकमान प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को शिफ्ट कर सकता है। प्रदेश प्रभारी प्रदेश के सभी असंतुष्ट नेताओं के निशाने पर हैं। तीनों शीर्ष पदों पर चयन व चुनाव में उनकी भूमिका को लेकर काफी सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, हाईकमान असंतोष दूर करने के लिए प्रभारी को उत्तराखंड के बजाए कोई दूसरी जिम्मेदारी दे सकता है। गढ़वाल की उपेक्षा के भाव को खत्म करने के लिए यहां के वरिष्ठ नेताओं को संगठन में अहम जिम्मेदारी देने पर भी करीब करीब सहमति बन चुकी है।

सीनियरों की अनदेखी : मयूख
पिथौरागढ़ विधायक मयूख महर ने भी सोमवार को खुलकर अपनी नाराजगी का इजहार किया। बकौल मयूख, आखिर कब तक सीनियर लोगों की उपेक्षा होती रहेगी? जूनियर लोगों को अहम पद दिए जा रहे हैं और सीनियर की अनदेखी हो रही है। मयूख ने कहा कि सभी इस बात को महसूस कर रहे हैं कि उनकी उपेक्षा हो रही है। हमें बहुत बुरा लगा है। बहुत जूनियर लोगों को मौके मिल रहे हैं। मेरी तीन पीढ़ियां कांग्रेस से जुड़ी हैं और आज उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है।

आर्य को नेता प्रतिपक्ष बनाना बढ़िया 
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बनाने का शानदार फैसला लिया है। आर्य का अनुभव उत्तराखंड के लिए लाभप्रद होगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि मैं हाईकमान को धन्यवाद दूंगा कि आर्य जैसे सबसे परिपक्व संसदीय अनुभवी व्यक्ति को नेता प्रतिपक्ष बनाया। विधायकों में नाराजगी नहीं है। धारचूला विधायक हरीश धामी पहले थोड़ा गुस्से में थे, अब वे भी शांत हैं।

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