टिहरी जिले में ढाई लाख से अधिक बेरोजगारों पंजीकृत हैं। इन बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए पिछले तीन साल में 45 रोजगार मेले आयोजित किए गए। जिनमें सिर्फ 875 युवाओं को ही रोजगार मिल पाया। हर साल हजारों युवा रोजगार की आस को लेकर जिला सेवायोजन कार्यालय में अपना पंजीकरण करवाते हैं, लेकिन यहां से उन्हें रोजगार के सीमित अवसर ही मिल पाते हैं।
इन रोजगार मेलों में बेरोजगारों की सहभागिता भी उतनी ज्यादा नहीं रहती। बेरोजगार मनीष कोठियाल, प्रवीन कुमार, दिगंबर सिंह, प्रकाश, राजेश आदि का कहना है कि बेरोजगार युवाओं के लिए आज तक सरकार की कोई नीति न होने से रोजगार को लेकर युवाओं का दर-दर भटकना पड़ रहा है।
सरकारी भर्तियों में हो रही गड़बड़ियों से सरकारी की नौकरी की उम्मीद तो टूटती हैं, पिछले दरवाजों से दी जा रही नौकिरियों से भी युवाओं के हितों की अनदेखी की जाती है। युवाओं के लिए रोजगार सृजन के अवसर पैदा न किये जाने और निजी कंपनियों में बेरोजगार युवाओं के लिए कोई ठोस नीति न होने से युवाओं को रोजगार पाने में कठिनाइयां हो रही हैं।
रोजगार मेलों से नौकरी की स्थिति
वर्ष 2019-20 में 20 रोजगार मेले लगाये गये। जिसमें 638 बेरोजगारों से प्रतिभाग किया। मात्र 203 लोगों को ही नौकरी के लिए चुना गया। 2020-21 में 17 रोजगार मेले लगाए गए। जिनमें 562 बेरोजगार युवाओं ने प्रतिभाग किया। मात्र 162 युवाओं को ही रोजगार मिल पाया। जबकि 2021-22 में 8 रोजगार मेले में 2195 युवा पहुंचे पर चयन मात्र 510 युवाओं को ही रोजगार मिल पाया। कोविड काल में युवाओं को सम्बंधित विभागों के माध्यम से रोजगार दिलाने का दावा भी सेवायोजन विभाग ने किया है।
प्रतिवर्ष हजारों युवा रोजगार पाने के मकसद से पंजीयन करवाते हैं, लेकिन सेवायोजन के माध्यम से किन्हीं भी पदों के लिए अभ्यर्थी नहीं मांगे जा रहे हैं। युवाओं को स्वरोजगार के साथ ही रोजगार मेलों के माध्यम से निजी कंपनियों में रोजगार दिलाने का प्रयास होता है।
विनायक श्रीवास्तव, जिला सेवायोजन अधिकारी, टिहरी गढ़वाल
टिहरी में बेरोजगार
वर्ष बेरोजगार
2019 79553
2020 79229
2021 80486