उत्तराखंड में इस साल बिजली संकट गहराने के बाद सरकार को केंद्र में डंप पड़े दस हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की याद आ गई है। ये दस प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट की इम्पावर्ड कमेटी भी हरी झंडी दे चुकी है। गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग में भी इजाफा हुआ है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की भी एनओसी मिल चुकी है। सिर्फ केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय का अड़ंगा लगा हुआ है। मंत्रालय की इन आपत्तियों को दूर करने और सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी किए जाने को लेकर सरकार ने होमवर्क शुरू किया है।
राज्य में 34 हाइड्रो प्रोजेक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की इम्पावर्ड कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी थी। इसमें 24 प्रोजेक्ट को लेकर नेगेटिव रिपोर्ट दी गई। दस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी गई। इन दस प्रोजेक्ट से 769.3 मेगावाट बिजली पैदा होनी है। जल शक्ति मंत्रालय इन प्रोजेक्ट पर आपत्ति जता रहे हैं। इस सम्बन्ध में जल्द सीएम पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के बीच बैठक भी तय की जा रही है।
फर्नेश में पांच और गांवों में दो घंटे की बिजली कटौती : राज्य में गांव और फर्नेश उद्योगों पर बिजली कटौती की मार जारी है। शुक्रवार को भी फर्नेश उद्योगों में चार से पांच घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में दो घंटे बिजली की कटौती हुई। शनिवार के लिए बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।
यूपीसीएल के इतिहास में पहली बार अप्रैल महीने में बिजली की मांग 48 मिलियन यूनिट को पार कर गई। शनिवार के लिए बिजली की मांग 48.32 एमयू दर्ज की गई है। राज्य और केंद्र से कुल 31.66 एमयू बिजली उपलब्ध हो पाई। इस कमी को दूर करने को 13.34 एमयू बिजली बाजार से खरीदी गई है।
इन पावर प्रोजेक्ट पर शुरू नहीं हो रहा है काम
252 मेवा देवसारी, 300 मेगावाट बावला नंदप्रयाग, 100 मेगावाट नंदप्रयाग लंगासू, 24 मेवा भिलंगना सेकेंड ए, 24 मेवा के भिलंगना सेकेंड बी, 24.3 मेवा मेलखेत, 13 मेवा देवाली, 6 मेवा कोट बूढ़ाकेदार, पांच मेवा काली गंगा, 21 मेवा भिलंगना सेकेंड
हिमाचल का उत्तराखंड से दोगुना उत्पादन
उत्तराखंड में यूजेवीएनएल, केंद्रीय योजनाओं, प्राइवेट सेक्टर की योजनाओं से कुल बिजली उत्पादन 5211 मेगावाट होता है। राज्य की बिजली मांग 2468 मेगावाट है। दूसरी ओर हिमाचल की बिजली मांग सिर्फ 1300 मेगावाट है। लेकिन राज्य में कुल बिजली उत्पादन 11096 मेगावाट होता है।
उद्योगों को बिजली कटौती से राहत देने का दावा
राज्य में लगातार चार दिन से फर्नेश उद्योगों को छोड़ कर अन्य सामान्य उद्योगों को बिजली कटौती से राहत दी जा रही है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने दावा किया कि चार दिन से उद्योगों में कोई बिजली कटौती नहीं की गई है। शासन ने उद्योगों को कटौती से मुक्त रखने के निर्देश दिए हैं।
बिजली कम खर्च करने को यूपीसीएल की अपील
बिजली खर्च कम किए जाने को यूपीसीएल मैनेजमेंट ने आम जनता से अपील की है। ऑफिसों के लिए गाइडलाइन जारी की है। यूपीसीएल के सभी ऑफिसों के लिए जारी निर्देश में कहा गया है कि किसी भी ऑफिस में एसी 11 बजे के बाद ही चलाया जाए। पंखा, ट्यूबलाइट, फ्रिज, एसी का इस्तेमाल ध्यान से किया जाए। एसी की सेटिंग 24 डिग्री पर रखना सुनिश्चित करें। प्रयास करें कि अधिक से अधिक अफसर एक ही कमरे में बैठ कर विभागीय कामकाज निपटाएं। खाली कमरों में लाइट, पंखा न चलाएं। गैलरी में भी अनावश्यक लाइट,पंखे न चलाएं।
उत्तराखंड में ऐसे कई प्रोजेक्ट हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट की इम्पावर्ड कमेटी भी हरी झंडी दे चुकी है। इन प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो सके, इसके लिए अब पूरी गंभीरता के साथ प्रयास किए जाएंगे।