कांग्रेस में वंशवाद के खिलाफ उठने लगी आवाज, ‘एक परिवार एक टिकट’ पर नियम बनाने की मांग

संगठन को मजबूत करने और वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने उदयपुर नव संकल्प का ऐलान किया था। इसमें पार्टी ने कई संकल्प लिए थे। पर नव संकल्प शिविर के बाद पार्टी ने चुनाव से जुड़े जो निर्णय लिए हैं, उनसे उदयपुर नव संकल्प पर बहस शुरू हो गई है। आपको बता दें कि पार्टी ने उदयपुर नव संकल्प में एक परिवार एक टिकट का फैसला किया है।

संगठन में पांच साल के अनुभव के बाद परिवार के दूसरे सदस्य को टिकट के लिए पात्र माना जाएगा। पर संकल्प पैराशूट उम्मीदवार और बेटा-बेटी या पति की जगह पत्नी को टिकट देने को लेकर चुप्पी साधे हुए है।

नव संकल्प शिविर में शामिल रहे पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, उदयपुर में यह विषय बहुत प्रमुखता के साथ उठा था कि परिवार में एक की जगह दूसरे सदस्य के लिए शर्त तय करने और पैराशूट उम्मीदवारों के लिए भी कोई पैमाना बनाना चाहिए। पर नव संकल्प इस विषय पर चुप है।

दरअसल, पार्टी में पैराशूट उम्मीदवार और परिवार के एक सदस्य की जगह दूसरे को टिकट देने का बहस झारखंड विधानसभा के उपचुनाव में उम्मीदवार शिल्पी नेहा तिर्की को उम्मीदवार बनाने को लेकर शुरू हुई है। शिल्पी को बंधु तिर्की की सदस्यता समाप्त होने के बाद उनकी सीट से टिकट दिया गया है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा से कांग्रेस में आए विधायक बंधु तिर्की की सदस्यता आय से अधिक मामले में तीन वर्ष की सजा के बाद समाप्त हो गई थी। तिर्की मांडर विधानसभा से तीन बार चुनाव जीते हैं। इसलिए, पार्टी ने इस सीट से उपचुनाव में उनकी बेटी शिल्पी नेहा तिर्की को उम्मीदवार बनाया है।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ‘एक परिवार एक टिकट’ के लिए पार्टी ने नियम तय किया है, तो पैराशूट उम्मीदवार और परिवार के एक सदस्य की जगह दूसरे को टिकट देने के लिए भी नियम बनाना चाहिए। जिससे कि विधानसभा या लोकसभा चुनाव में दूसरे पार्टी कार्यकर्ताओं को मौका मिल सके।

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