उपचुनाव का ‘अग्निपथ’, विरोध प्रदर्शनों के चलते आजमगढ़ से संगरूर तक ऐसे बढ़ रही भाजपा की मुश्किल

उपचुनाव से ऐन पहले अग्निपथ स्कीम लांच करके मोदी सरकार ने सोचा होगा कि वह लोगों को रिझा लेगी। लेकिन जिस तरह से देशभर में युवा इसका विरोध कर रहे हैं, उससे अग्निपथ स्कीम की लांचिंग टाइम पर सवाल उठने लगे हैं। अभी जो हाल है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि यह विरोध उपचुनाव में भाजपा के लिए अग्निपथ बन चुका है। छह राज्यों के 10 लोकसभा और विधानसभाओं के उपचुनाव के लिए 23 जून को होने वाली वोटिंग से पहले यह विरोध काफी असर डाल रहा है।

संगरूर लोकसभा सीट पंजाब, कैप्टन का भी साथ नहीं
यह लोकसभा सीट पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के शपथग्रहण के बाद से खाली हुई है। यहां पर 23 जून को उपचुनाव होने वाले हैं। इसके लिए कैंपेनिंग भी आखिरी फेज में चल रही है। लेकिन इससे ऐन पहले अग्निपथ स्कीम को लेकर चल रहा विरोध प्रत्याशियों के लिए मुश्किलें बढ़ाने लगा है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक रविवार नौजवान भारत सभा समेत कुछ संगठनों के लोग संगरूर से भाजपा प्रत्याशी केवल ढिल्लों के ऑफिस के बाहर पहुंच गए। इन लोगों ने यहां पर विरोध प्रदर्शन किए। वहीं यहां पर नेताओं की रैलियों और बयानों में भी अग्निपथ योजना का असर दिखने लगा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पीएम मोदी से अपील की है कि वह अग्निपथ को वापस ले लें। उन्होंने कहा कि किराए पर फौज नहीं रखी जा सकती। हमारे जवान 50 डिग्री से लेकर माइनस 20 डिग्री में सीमा की रक्षा करते हैं। जवानों की देशभक्ति की कद्र होनी चाहिए। वहीं कांग्रेस ने भी इस योजना का विरोध किया है। यहां तक कि भाजपा के सहयोगी पंजाब लोक कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अग्निपथ योजना का रिव्यू किए जाने की मांग की है।

यूपी की आजमगढ़ और रामपुर सीट का हाल
वहीं उत्तर प्रदेश की दो सीटों पर भी भाजपा के लिए मामला बहुत आसान नहीं है। यहां आजमगढ़ और रामपुर में उपचुनाव होने हैं और दोनों ही सीटों का समीकरण भाजपा के पक्ष में नहीं रहा है। इन सबके बीच अग्निपथ योजना के विरोध ने सत्ताधारी दल के लिए मुकाबला और ज्यादा कठिन बना दिया है। यूपी के आजमगढ़ और पूर्वांचल के अन्य जिलों से बड़ी तादाद में युवा सेना की भर्ती में शामिल होते हैं। वहीं रामपुर व नजदीकी जिलों से भी सैन्य बलों में नौकरी के लिए तैयारी करते हैं। बलिया और वाराणसी में अग्निपथ योजना को लेकर काफी विरोध हुआ है और यह दोनों ही जिले आजमगढ़ से बहुत दूर नहीं हैं। ऐसे में अग्निपथ योजना अचानक यहां पर चुनावी मुद्दा बन गई है। यहां पर सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव युवाओं को संबोधित करते वक्त इस पर मुखर होकर बात कर रहे हैं। वह लोकसभा पहुंचकर इस योजना के विरोध की बातें कह रहे हैं। वहीं भाजपा उम्मीदवार दिनेशलाल यादव निरहुआ इस योजना का यह कहते हुए बचाव कर रहे हैं कि पूरी दुनिया में अग्निपथ स्कीम की तारीफ हो रही है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक आजमगढ़ के सगड़ी तहसील के बनकटिया गांव के कुछ युवाओं ने कहा कि नौकरी देना अच्छी बात है। लेकिन अग्निपथ के विरोध ने भाजपा और इसकी पॉलिसीज के विरोध में संदेश दिया है।

त्रिपुरा विधानसभा उपचुनावों पर असर नहीं
हालांकि त्रिपुरा में इस योजना को लेकर अभी तक विरोध की बातें सामने नहीं आई हैं। यहां 23 जून को आगरतला, बर्डोवाली टाउन, सूरमा और जुबराजनगर विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं। भाजपा शासित प्रदेश सरकार ने यहां पर अग्निपथ योजना का स्वागत किया है।

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