महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच उद्धव ठाकरे इस्तीफा देने का पूरा मन बना चुके थे। 22 जून को फेसबुक लाइव में भी उन्होंने घोषणा कर दी थी कि अगर शिवसेना का एक भी विधायक उनसे संतुष्ट नहीं है तो वह इस्तीफा दे देंगे। वह मुख्यमंत्री आवास वर्षा से अपना सामान लेकर मातोश्री में शिफ्ट हो गए। इसके बाद ऐसा क्या हुआ कि उनका मन बदल गया?
दरअसल सूत्रों का कहना है कि उद्धव ठाकरे एक बार नहीं बल्कि दो बार इस्तीफा देने का मन बना चुके हैं। लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोक लिया गया। बताया जा रहा है कि उनको रोकने वाले और कोई नहीं बल्कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार हैं। शरद पवार इस संकट के बीच कई बार उद्धव ठाकरे के साथ बैठक कर चुके हैं और उन्हें समझा चुके हैं।
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क्या भाजपा से भी संपर्क में थे उद्धव?
सूत्रों का कहना है कि उदधव ठाकरे इस संकट से निपटने के लिए भाजपा के नेताओं के साथ भी संपर्क में थे। 22 जून को वह शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब के स्मारक पर जाने के बाद इस्तीफा देने वाले थे। अपने फेसबुक लाइव में उन्होंने स्पष्ट कह दिया था कि वह इस्तीफा देने का मन बना चुके हैं। कुछ घंटों बाद ही वह वर्षा से निकलकर रवाना हो गए। बागी विधायक दीपक केसरकर ने दावा किया है कि शरद पवार संजय राउत के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं और उद्धव ठाकरे को मटियामेट करने का काम कर रहे हैं।
विदाई पार्टी की भी कर ली थी तैयारी
उद्धव ठाकरे ने अगले दिन फिर से इस्तीफे के ऐलान करने का मन बनाया। यहां तक कि उन्होंने अपनी विदाई के लिए अधिकारियों को भी बुला लिया था। लेकिन शीर्ष नेता ने एक बार फिर उन्हें रोक दिया। उद्धव ठाकरे फिर से जब मीडिया के सामने आए, उससे पहले ही शरद पवार ने उन्हें समझा दिया। सूत्रों का कहना है कि पवार ने उनसे कहा कि जल्दबाजी में फैसला लेने की जगह रणनीति के तहत चलना चाहिए।
बता दें कि आज उद्धव ठाकरे के एक और मंत्री शिंदे गुट में शामिल हो गए। बताया जा रहा है कि गुवाहाटी के होटल में शिंदे के साथ 50 विधायक हैं जिनमें से 40 शिवसेना के हैं। ऐसे में तय माना जा रहा है कि अगर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होता है तो उद्धव ठाकरे की सरकार गिर जाएगी और भाजपा सरकार बना सकती है।